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रांची/डेस्क: भगवान गणेश की पूजा का शास्त्रों में विशेष महत्व है. इस वर्ष गणेश महोत्सव की शुरुआत 6 सितंबर 2024 को होगी. इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और पूजा विधि पर एक नजर डालें.
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी का पर्व अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. यह उत्सव पूरे भारत में अत्यधिक भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी पूरे 10 दिनों तक चलता है और यह बुद्धि के स्वामी भगवान गणेश के जन्मदिन का प्रतीक है. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने के चौथे दिन 6 सितंबर 2024 को गणेश महोत्सव की शुरुआत होगी.
भगवान गणेश के प्रिय भोग
भगवान गणेश को चावल और गेहूं के आटे से बने लड्डू और मोदक, गुड़ और नारियल से भरे मीठे पकौड़े अति प्रिय हैं. इस दौरान विशेष रूप से तरह-तरह के मोदक और लड्डू बनाए जाते हैं और उन्हें प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है. इसके अतिरिक्त, भगवान गणेश को 21 विभिन्न मिठाइयों को भी प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है.
भोग लगाते समय मंत्र का जाप
भोग अर्पित करते समय निम्न मंत्र का जाप करें: "इदं नानाविधि नैवेद्यानि ऊं गं गणपतये समर्पयामि"
गणेश महोत्सव पूजा समय
गणेश चतुर्थी की पूजा 7 सितंबर 2024 को सुबह 11 बजकर 03 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक की जाएगी.
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पूजा करने की विधि
स्नान और स्थापना: सुबह उठकर स्नान करें और स्थापना समय के अनुसार, भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें.
पूजा की शुरुआत: भगवान गणेश का अभिषेक करें. उन्हें पीले वस्त्र अर्पित करें और सिंदूर तथा चंदन का तिलक लगाएं.
अर्पण: उनके चरणों में पांच प्रकार के फूल अर्पित करें और दूर्वा तथा उससे बनी माला चढ़ाएं. मोदक का भोग लगाएं.
मंत्र जाप: गणेश चालीसा और उनके वैदिक मंत्रों का जाप करें.
आरती और समापन: पूजा का समापन आरती से करें और पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें. पूजा में तामसिक चीजों से परहेज करें.