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रांची/डेस्क: पहले के समय में गोदना यानी टैटू सिर्फ ग्रामीण इलाकों तक सीमित था, जहां महिलाएं अपने हाथों पर या तो अपना नाम, या अपने पति का नाम गुदवाती थीं. उस समय यह एक पारंपरिक प्रक्रिया थी, जो देसी तरीके से की जाती थी. लेकिन वक्त के साथ यह एक फैशन स्टेटमेंट बन गया. अब युवा वर्ग में टैटू बनवाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि, अगर आप भी टैटू बनवाने का सोच रहे हैं, तो आपको इससे जुड़ी कुछ गंभीर सावधानियों के बारे में जानना जरूरी है. ऐसा भी हो सकता है कि यह टैटू आपके लिए जीवन भर का दर्द बन जाए.
ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से सामने आया है, जहां टैटू बनवाने का शौक दो युवाओं के लिए मुसीबत बन गया. यह मामला नगर क्षेत्र का है, जहां दो दोस्त एक साल पहले दशहरा के मेले में गए थे और वहां एक ही जगह से टैटू बनवाया था. घर लौटने के बाद दोनों ने अपने टैटू को लेकर खूब चर्चा की, लेकिन धीरे-धीरे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. हालांकि, उन्होंने इसे हल्के में लिया. अब एक साल बाद उनकी स्थिति ऐसी हो गई कि जिसे जानकर उनके होश उड़ गए.
एक साल पहले बनवाया था टैटू
दोनों दोस्तों ने एक साल पहले मेले में एक ही टैटू आर्टिस्ट से बारी-बारी से टैटू बनवाए थे और फिर घर लौट आए. शुरुआत में सबकुछ ठीक था, लेकिन कुछ समय बाद एक दोस्त को पेट में दर्द महसूस हुआ. जब उसकी जांच हुई तो पेट में पथरी की समस्या सामने आई. ऑपरेशन से पहले हुए टेस्ट में पता चला कि वह एचआईवी पॉजिटिव है. यह सुनकर वह हैरान रह गया. जब डॉक्टर्स ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि वह एक साल पहले टैटू बनवाने गया था.
दूसरे दोस्त का भी हुआ खुलासा
जब पहले दोस्त का एचआईवी टेस्ट पॉजिटिव आया, तो उसने अपने दूसरे दोस्त को भी यह जानकारी दी. चौंकाने वाली बात यह थी कि दूसरे दोस्त की रिपोर्ट में भी एचआईवी संक्रमण का पता चला. अब दोनों का इलाज चल रहा है. डॉक्टरों ने इस मामले में कहा कि टैटू बनवाने से एचआईवी संक्रमण का खतरा हो सकता है, खासकर यदि इस्तेमाल किए गए सुइयों में संक्रमण हो या यदि खून और सलाइवा का संपर्क हुआ हो. यह भी संभावना जताई जा रही है कि मेले में जो टैटू आर्टिस्ट थे, उन्होंने सेफ्टी के उचित उपाय नहीं किए होंगे, जिससे इन युवाओं को एचआईवी संक्रमण हो गया होगा.
यह घटना इस बात का उदाहरण है कि टैटू बनवाने से पहले यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि सुइयों और उपकरणों की पूरी सफाई की गई हो और उनका इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से किया गया हो.