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रांची/डेस्क: नए साल 2025 में चार ग्रहण होंगे. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण का खास महत्व है. इन ग्रहणों के दौरान शुभ कार्य और पूजा-पाठ से परहेज करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रतिकूल असर डाल सकते हैं. साल 2025 में दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे.
चंद्र ग्रहण 2025 (Chandra Grahn 2025)
1. पहला चंद्र ग्रहण (14 मार्च 2025)
पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को होगा. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन भारत में यह दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका भारत में कोई असर नहीं होगा. यह ग्रहण यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और प्रशांत महासागर में देखा जा सकेगा.
2. दूसरा चंद्र ग्रहण (7 सितंबर 2025)
दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को होगा. यह ग्रहण पितृ पक्ष की शुरुआत में लगेगा और भारत में भी दिखाई देगा, जिससे इसका सूतक काल मान्य होगा.
सूर्य ग्रहण 2025 (Surya Grahan 2025)
1. पहला सूर्य ग्रहण (29 मार्च 2025)
पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को लगेगा. यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई नहीं देगा. यह ग्रहण यूरोप, रूस और अफ्रीका में देखा जा सकेगा.
2. दूसरा सूर्य ग्रहण (21 सितंबर 2025)
दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को रात में होगा और भारत में दिखाई नहीं देगा. यह ग्रहण न्यूजीलैंड, पैसिफिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा.
विशेष सूर्य ग्रहण (29 मार्च 2025)
29 मार्च 2025 को सूर्य ग्रहण चैत्र मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन होगा. यह पूर्ण ग्रहण दोपहर 14:21 बजे से शाम 18:14 बजे तक रहेगा. यह ग्रहण विशेष रूप से यूरोप, अमेरिका और कुछ अन्य क्षेत्रों में देखा जा सकेगा, जबकि भारत में इसका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं होगा.
विशेष सूर्य ग्रहण (21 सितंबर 2025)
दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात 22:59 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर को 03:23 बजे तक रहेगा. यह ग्रहण न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में देखा जाएगा, जबकि भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं होगा.
चंद्र ग्रहण (14 मार्च 2025)
यह चंद्र ग्रहण फाल्गुन मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन लगेगा. भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा. यह विशेष रूप से सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों के लिए प्रभावशाली रहेगा.
चंद्र ग्रहण (7 सितंबर 2025)
यह पूर्ण चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा और इसका सूतक काल मान्य होगा.
प्राकृतिक आपदाओं का संकेत
चार ग्रहणों के कारण प्राकृतिक आपदाओं का असर अधिक हो सकता है, जैसे भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं आदि. हालांकि, जनहानि की संभावना कम है. इसके अलावा, राजनीतिक अस्थिरता, सीमा पर तनाव, और आंदोलनों के संकेत भी मिल रहे हैं.
सावधानियां: इन ग्रहणों के दौरान धार्मिक गतिविधियों और अन्य कार्यों से संबंधित विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होगी.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं और पुरानी जानकारियों पर आधारित है. किसी भी प्रकार की सलाह या जानकारी को लागू करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें.