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रांची/डेस्क: नवरात्रि का सनातन धर्म में विशेष महत्व होता है. साल में 4 बार नवरात्रि (Navratri) के व्रत रखे जाते हैं. दो बार सामान्य नवरात्रि और दो बार गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) रखी जाती है. आषाढ़ माह (Ashadha Maas) में भी गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. वहीं बता दें कि तंत्र मंत्र की साधना में लीन रहने वाले लोगों के लिए गुप्त नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो रही है. जिसका समापन 15 जुलाई को होगा. बता दें कि चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है, जबकि गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की तांत्रिक विधि से पूजा की जाती है.
गुप्त नवरात्रि कब से शुरू?
पंचांग के अनुसार, इस बार आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई (शनिवार) से शुरू हो रही है. जिसका समापन 15 जुलाई (सोमवार) को होगा. आषाढ़ महीने की चतुर्थी तिथि में बढ़ोतरी होने के वजह से नवरात्रि इस बार दस दिनों तक मनाई जाएगी. इस बार माता रानी घोड़े पर सवार होकर धरती पर आने वाली हैं.
घटस्थापन का शुभ मुहूर्त
बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन विधिपूर्वक घटस्थापना की जाती है. इस बार गुप्त नवरात्रि के लिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 6 जुलाई को सुबह 5:11 बजे से 7:26 बजे तक का है. वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजे से 12 बजे तक है. इन दोनों मुहूर्तों में कलश स्थापन करना शुभ माना गया है.