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रांची/डेस्क: भारत के हर राज्य की अपनी एक अलग खासियत है. लगभग हर राज्य के लोगों के रहने का तरीका, खान-पान सब कुछ अलग होता है. जहां का मौसम जैसा होता है लोग उसी के हिसाब से ढल जाते हैं. लोग अपना खाना पीना मौसम के हिसाब से भी तय करते है. बता दें, भारत का हर राज्य अपने किसी खास स्पेसिफिक डिश (Special Specific Dish) से मशहूर है. वहीं अगर बात करें झारखंड की तो यहां का हड़िया बहुत फेमस ड्रिंक है. आदिवासियों का यह पारंपरिक पेय हड़िया चावल से तैयार किया जाता है. पहले के समय में किसी तरह पर्व-त्यौहार में आने पर मेहमानों को हड़िया ही परोसा जाता था, इसे राइस बियर (लोकल बियर) भी कहते हैं.
कैसे बनता है हड़िया
हड़िया को चावल और एक जड़ी बूटी जिसका (रानू) से तैयार किया जाता है, रानू को जंगली जड़ी चैली कंदा की जड़ से निकाला जाता है. तो आइये जानते है हड़िया कैसे तैयार होता है.
1. हड़िया बनाने के लिए सबसे पहले चावल को पकाया जाता है.
2. इसके बाद चावल को ठंडा किया जाता है.
3. फिर चावल में रानू की गोलियां मिलाई जाती हैं.
4. इसके बाद दो से तीन दिनों तक चावल को सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है.
5. फिर सड़ाने के बाद इससे पानी मिलाया जाता है.
6. इसके बाद इसे अच्छे छान लिया जाता है. बता दें, इस पूरी प्रक्रिया को फर्मेंटेशन कहा जाता है.
सेहत के लिए भी है फायदेमंद
झारखंड के बाजारों में यह हड़िया खूब बिकती है. इसे लोगों के द्वारा खूब पसंद की जाती है. बता दें कि हड़िया को फाइबर, प्रोटीन, कॉलेजन का काफी अच्छा सोर्स माना जाता है. एक्सपर्ट की माने तो आज कल हड़िया में नशीले पदार्थ मिलाकर लोग इसे बाजार में बेचते है. लेकिन अगर लोग इसे ओरिजिनल फॉर्म में पीते हैं, तो ये आपके सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. इसमें विटामिन B6, जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन बी12 प्रोटीन और कैल्सियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डी और कोशिकाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते है. हड़िया को गर्मी में पीना काफी लाभदायक माना जाता है. क्योंकि हड़िया से बॉडी हाइड्रेट रहती है और लिक्विड रहने की वजह से लू व हीट स्ट्रोक जैसी समस्या भी नहीं होती. लेकिन ध्यान रहे इसमें कोई नशीली पदार्थ मिलाकर ना पियें.