जलस्रोतों के गहरीकरण का कार्य में इसी प्रकार किया जाता है बरसात का इंतजार, 3.50 करोड़ रुपए की है योजना
प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्कः नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नं 12 अंतर्गत स्थित धोबिया तालाब के गहरीकरण कार्य को स्वाभाविक रूप से जलसमाधि मिल गया. गहरीकरण कार्य के दौरान ही मॉनसून के आगमन सतह ही तालाब में पानी भर गया. जिससे अब यह पता लगाने की जरूरत किसी को पड़ेगी नहीं कि तालाब का जितना गहरीकरण होना था, जितनी मिट्टी का कटाव होना था और उसमें से वास्तव में कितना कार्य हुआ कितना बाकी रह गया. इसके बाद ठेकेदार और इंजीनियर की सुविधा सहूलियत के हिसाब से चीजें तय हो जाएंगी. बरसात पूर्व किसी भी जलस्रोत के गहरीकरण कार्य का यही हश्र होता आया है. कार्य पूर्ण होने से पहले जलसमाधि दे दी जाती है. धोबिया तालाब के साथ भी यही हुआ. बहरहाल धोबिया तालाब जिसमें विभिन्न मोहल्लों के नालों का गंदा प्रदूषित पानी आकर गिरा करती थीं, उस धोबिया तालाब की स्थिति में सुधार करने की एक योजना हजारीबाग नगर निगम द्वारा शुरू की गई है.
विदित हो कि संत कोलंबा कालेज रोड के किनारे नीलांबर पीताम्बर चौक के निकट धोबिया तालाब स्थित है. एक जमाने में इस तालाब में लॉन्ड्री वाले कपड़ा धोने का काम करते थे और उसी के किनारे कपड़ों को सुखाकर ही लौटते थे. इसी कारण इस तालाब को वर्षों से धोबिया तालाब के नाम से जाना जाता है. सुरेश कालोनी, साकेतपुरी, गांधीनगर, जागी निवास आदि मोहाले बसने से इन मोहल्लों के नालों का पानी ढलान होने के कारण इसी तालाब में आकर गिरता है. तालाब में प्रदूषण की स्थिति को देख कर एनजीटी ने भी कड़ा एतराज जताते हुए प्रदूषण रोकने के लिए उचित प्रबंध करने का निर्देश दे रखा था. हजारीबाग नगर निगम ने विभिन्न मोहल्लों से निकलने वाले नालों का पानी तालाब में नहीं आए, इसके समाधान के तौर पर तालाब के किनारे स्लैबयुक्त नाली का निर्माण किया गया. जिसे झिंझरिया नाले से जोड़ा गया. इसके साथ ही तालाब के कोने में एक सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना बनाई गई. ताकि प्रदूषित पानी का ट्रीटमेंट किया जा सके. इसी योजना के लिए बरसात से पहले गर्मियों में तालाब की सुखाया गया. सुखाने के बाद तालाब के गहरी करण का कार्य शुरू किया गया. धीमी गति से गहरीकरण का कार्य चलता रहा. इतनी शिथिलता बरती गई कि कार्य पूर्ण होने से पहले मानसून का आगमन हो गया. बरसात शुरू होने से तालाब में पर्याप्त पानी भर गया. इसके साथ ही गहरीकरण के कार्य को विराम दे दिया गया और दूसरे कार्य शुरू कर दिए.
तालाब में वोटिग की भी होगी व्यवस्था" कार्यपालक अभियंता
नगर निगम के कार्यपालक अभियंता रमेश कुमार सिंह ने बताया कि इस तालाब का कायाकल्प हो, इसके लिए अमरुत योजना के तहत कार्य किया जा रहा है. तालाब में जमा गाद निकाल कर गहरा करने के साथ एसटीपी का निर्माण किया जाएगा. जिसमें नाले के गदे पानी का उपचार करने के बाद साफ पानी को छोड़ा जाएगा. इसके अलावा तालाब के चारों तरफपाथ वे, तालाब में पब्वारा, लाइटिंग और सिटिंग बेंच बनाने की योजना है. भविष्य में यहां बोटिंग की व्यवस्था भी हो सकती है. इन सुविधाओं के रहने से लोगों के लिए यह एक घुमने फिरने की जगह होगी तो लोगों की सोच भी बदलेगी.