प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व दीपावली शुक्रवार को विश्व भर में सहित हजारीबाग में बड़े ही धूमधाम से संपन्न हुई. इस बार लोगों ने कोई कसर नहीं छोड़ी. इसी के चलते शहर के विभिन्न इलाकों में दिवाली श्रद्धापूर्वक मनाई गई. दिवाली से कुछ दिन पहले ही बाजार सज धज कर तैयार हो गई थी. बड़े बड़े इमारतें और घर रंग-बिरंगी लाइटों और दीयों से चमकते दिखे. दिवाली पर लोगों ने एक-दूसरे को मिठाइयां और अन्य तोहफे देकर शुभकामनाएं दी. बाजारों में भी पूरे दिन तक रोनक छाई रही. इसके बाद लोगों ने लक्ष्मी गणेश की पूजा कर शाम ढलते ही खूब पटाखे भी जलाए.
खूब बिकीं फूल मालाएं और मिठाइयां
दिवाली के दिन बाजार लोगों के लिए सजकर तैयार थे. लोगों ने सुबह से ही मिठाई और पटाखों की दुकानों पर खरीदारी प्रारंभ कर दिए थे. मिठाइयों और सजावट के सामान खरीदने के लिए लोगों का विशेष रुझान देखने को मिल रहा था. पूजा में फूलों का विशेष महत्व हैं. इसलिए दीपावली के दिन फूलों का बाजार गर्म रहा. इस वर्ष गेंदा फूल 40 से 45 रु लरी बाजारों में बिकी हुई हैं.
सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर लोगों ने दी बधाइयां
दिवाली के अवसर पर लोगों ने दिन की शुरुआत सोशल मीडिया पर अपने जानकारों को बधाइयां देने से की. फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम सहित सभी इंटरनेट मीडिया पर दिवाली के मैसेज दिनभर चलते रही, जो लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से नहीं मिल सके. उन्होंने फोन पर ही शुभकामनाएं दीं. वहीं इंटरनेट पर वीडियो और फोटो डालकर लोगों ने दिवाली का जश्न भी दिखाया.
लोगो ने गाजे बाजे के साथ की पूजा-अर्चना
शहर के कई प्रतिष्ठानों में माता लक्ष्मी एवं भगवान गणेश की पूजा अर्चना के दौरान गाजे बाजे के साथ मंत्र उच्चारण किया गया. वही प्रतिष्ठान संचालकों ने बताया कि माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना के दिन हम अपने प्रतिष्ठान में गाजे-बाजे के बीच पूजा अर्चना करते है यह लगभग पिछले 11 सालों से होता आ रहा हैं. मां लक्ष्मी का आशीर्वाद हम सभी पर सदैव बना रहे.
आकर्षक रंगोली सभी को अपनी और आकर्षित किया
दीपावली पर मंदिर से लेकर घरों की दहलीज पर मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी में महिलाएं एवं घर की बच्चियों के द्वारा आकर्षक रंगोली तैयार किया गया. शाम को मुहूर्त के अनुसार मां लक्ष्मी की पूजा भी विधिवत रूप से की गई. महिलाएं एवं बच्चियों ने बताया है कि रंगोली बनाना शुभ माना जाता हैं. घर की दहलीज मुख्य द्वार पर पूजा घर में या रंगोली बनाई गई. प्रतिष्ठानों में पुरोहितों ने पूजा कराई. साथ ही बही-खाता की पूजा कर उसकी शुरुआत की गई. दीपावली पर दुकानों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को रंग-बिरंगे बल्ब और झालरों से सजाया गया था. कोरोना के तीन साल बाद लोगों ने जमकर खुशियां बांटी. तीन साल बाद लोगों ने भयमुक्त होकर आतिशबाजी की. पूरा शहर दीपावली की खुशियों में डूबा रहा. खुशहाली के इस त्योहार में शाम होते ही मुख्य बाजार सहित शहर का हर इलाका रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठा. लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े. बच्चों और युवाओं में विशेष उत्साह देखा गया. इस मौके पर लोगों ने मंदिरों में दीप जलाए. इसके बाद दुकानों, प्रतिष्ठान एवं घरों में दीप जलाए. संध्या समय धर्मस्थान और काली मंदिर सहित काली पूजा मंदिर में पुष्पांजलि और में दीप जलाने के लिए महिलाओं और पुरुषों की भीड़ लगी रही. लोगों ने धर्मस्थान मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी दीप जलाए.