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रांची/डेस्क: बांग्लादेश में जारी अशांति के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने असम और बांग्लादेश में घटती हिंदू आबादी पर चिंता जताई है. उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी ऐसी ही स्थिति होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि असम और बांग्लादेश दोनों जगहों से 2011 तक के आधिकारिक जनगणना के आंकड़ों से जनसांख्यिकीय बदलाव देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि जनगणना रिपोर्ट में कहा गया है कि असम में 1951 से 2011 तक हिंदू आबादी में 9.23 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि बांग्लादेश में 13.5 प्रतिशत की गिरावट आई है.
पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी जनसांख्यिकीय बदलाव
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि दोनों जगहों (असम और बांग्लादेश) के 2011 तक के आधिकारिक जनगणना के आंकड़ों से जनसांख्यिकीय बदलाव देखने को मिल रहा है. पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी स्थिति ऐसी ही होने की उम्मीद है. जनगणना रिपोर्ट में कहा गया है कि असम में 1951 से 2011 तक हिंदू आबादी में 9.23 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि बांग्लादेश में 13.5 प्रतिशत की गिरावट आई है. एक अखबार ने बताया कि स्थानीय मदरसा छात्रों के एक समूह ने बांग्लादेश के मुंशीगंज में ढाका-मावा एक्सप्रेसवे के नाम से प्रसिद्ध "राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान एक्सप्रेसवे" की नामपट्टिका हटा दी और "राष्ट्रपिता हजरत इब्राहिम (एएस) एक्सप्रेसवे" लिखा बैनर लगा दिया.
मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली
5 अगस्त को बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद बांग्लादेश अस्थिर राजनीतिक स्थिति का सामना कर रहा है. सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग करने वाले छात्रों द्वारा मुख्य रूप से किए गए विरोध प्रदर्शनों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों का रूप ले लिया. शेख हसीना द्वारा प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और व्यापक अशांति के बीच देश छोड़ने के तीन दिन बाद, 8 अगस्त की रात को मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली.