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रांची/डेस्क: चाणक्य नीति आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी सदियों पहले थी. आचार्य चाणक्य न केवल एक महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे बल्कि उन्होंने जीवन को सफल और सुखी बनाने के लिए कई गूढ़ नीतियां भी बताई. उनकी चाणक्य नीति मेरिन कुछ ऐसे घरों का जिक्र है जो दिखने में तो सामान्य होते हैं. लेकिन अंदर से श्मशान की तरह होते है यानी जहां ना खुशियां होती है और न ही सुख-समृद्धि.
घर में कोई शुभ काम ना होना
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिन घरों में लंबे समय तक कोई शुभ कार्य नहीं होता, जैसे विवाह, यज्ञ, हवन, पूजा-पाठ आदि, वहीं नकारात्मक ऊर्जा का वास होता हैं. ऐसा घर धीरे-धीरे उदासी और दरिद्रता की गिरफ्त में आ जाता हैं. चाणक्य कहते है कि ऐसे घर में रहने वाले लोगों की जीवन शक्ति भी कमजोर होने लगती हैं. इसलिए समय-समय पर घर में धार्मिक आयोजन जरुर करवाएं.
घर में पूजा-पाठ न होना
अगर आपके घर में रोजाना पूजा नहीं होती, दीपक नहीं जलता और भगवान का स्मरण नहीं किया जाता तो ऐसे घरों में ईश्वर की कृपा नहीं टिकती हैं. चाणक्य नीति के अनुसार, ऐसे घरों में दरिद्रता का डेरा होता है और वहां रहने वाले लोग जीवनभर परेशानियों से घिरे रहते हैं.
घर में ब्राह्मणों का अपमान करना
चाणक्य नीति के मुताबिक, जिस घर में ब्राह्मणों को सम्मान नहीं करते, उन्हें खाली हाथ लौटा देते है या अपमानित करते है, वहां लक्ष्मी कभी वास नहीं करती. ऐसे घरों में हमेशा अशांति बनी रहती हैं. अगर आपके घर कोई पंडित या ब्राह्मण आता है तो उसे आदरपूर्वक दक्षिणा देकर विदा करें. यही आपकी समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा.