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रांची/डेस्कः- मां बाप के साथ बच्चों का समय बिताना काफी लाभकारी साबित होता है. इससे बच्चे कई तरह के फायदे ले पाते हैं. अगर आप आजकल के बिजी दिनचर्या में अपने बच्चों के साथ समय नहीं बिता पा रहे हैं तो आपनी आदल बदलिए, आज हम इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि पेरेंट्स को किस तरीके से अपने बच्चों के साथ पेश आने चाहिए. मानसिक स्वाश्थय में सुधार के लिए माता-पिता के साथ बच्चों का होना बहुत जरुरी है. इनमें पुरानी यादें ताजा करना, शेयर एक्टीवीटिज में भाग लेना, छोटी-छोटी उपलब्धियों में जश्न मनाना आदि. इससे बच्चों में शहनशीलता व खुशी बढ़ती है. तो आइए जानते हैं बच्चों को अपने मातापिता के साथ किस तरीके से पेश आना चाहिए जानते हैं.
यादों को ताजा करना
बच्चे को अपने माता पिता के साथ बैठकर अपने यादों को ताजा करना चाहिए. इससे एक दूसरे के बीच संबंध का एहसास होता है. इससे सकारात्मक और स्वास्थ रिश्ते बनते हैं. इससे सुरक्षा की भावना में भी बढ़ावा मिलता है. जब माता पिता अपने बच्चों के साथ बैठकर अपनी पुरानी यादें शेयर करते हैं तो उनमें भावनात्मक नजदीकियां बढ़ती है. इससे उसे मालूम होता है कि परिवार के साथ भावनात्मक लगाव कितना जरुरी है.
भावनात्मक संबंध
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक आर्टिकल में एक्सपर्ट आशमीन मुंजाल ने बताया कि स्वास्थय मानसिकता औऱ एक दूसरे के समझ में भावनात्मक समर्थन व प्रोत्साहन मिलता है. कठिन समय में कैसे बात किया जाता है खुलकर अपनी बात कैसे रखा जाता है.
ऐसे बिताएं एक साथ समय
पारिवारिक परंपरा, एक दूसरे की हॉबी में सम्मिलित होना आपसी संबंधों को मजबूत बनाता है. इससे आप छोटी से छोटी चीजों पर बी खुश रह सकते हैं. एक साथ लंच या डीनर करना एक साथ बैठकर बातचीत करना इससे भी बच्चे और उत्साही और आत्मविश्वासी महसूस करते हैं. माता पिता के बिताया गया बच्चों का समय उनके समग्र विकास एंव मानसिक विकास के लिए बहुत जरुरी है.
एक दूसरे को सलाह शेयर करना जरुरी
एक भारतनाट्यम कलाकार ने मां के हैसियत से कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों के साथ हमेशा से एक दूसरे का सलाह देना चाहिए व मार्गदर्शन भी करना चाहिए. इससे बच्चे को एहसास होता है कि आप उनकी केयर कर रहे हैं. इससे बच्चों में आत्विश्वास के साथ साथ मानसिक मजबूती में भी मदद मिलती है.
छोटी छोटी उपलब्धि में जश्न मनाना
छोटी छोटी उपलब्धियो मे या फिर सफलताओं में जश्न मनाना साकारात्मक प्रगति को जन्म देता है. यही तकनीक खुशहाल जीवनशैली व साकारात्मक प्रगति में मदद करता है. इससे अपने जीवन में साकारात्मकता के पथ पर खुशहाल तरीके से चलने में आसानी होता है. हम जब अपने घर में छोटी छोटी सफलता का जश्न मनाते हैं तो ये हमें अंदर से आत्मविश्वास देता है. हमें महसूस कराता है कि हमें इसी मार्ग पर आगे बढ़ना है. इसी से हम प्रेरित होकर आगे बढ़ने की लालसा रखते हैं.