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रांची/डेस्क: झारखंड की सियासी गलियारों में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने सीएम आवास में सत्तापक्ष के सभी मंत्री और विधायकों की बैठक बुलाई है. सत्तारूढ़ दल के इस बैठक को लेकर अटकों का बाजार गर्म हो गया है बैठक के लिए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन बैठक के लिए पहुंच गए है. माना जा रहा है कि राज्य में मौजूदा सरकार के स्वरूप और आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम फैसले लिए जा सकते हैं.
बैठक में सत्तापक्ष के सभी मंत्री और विधायक मौजूद
सत्तापक्ष के इस अहम बैठक को लेकर सीएम हाउस के पिछले गेट पर सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं. बैठक में शामिल होने के लिए मंत्री बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, दीपक बिरूआ, बेबी देवी, रामेश्वर उरांव, सत्यानंद भोक्ता, JMM महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक कल्पना सोरेन, जेएमएम विधायक स्टीफन मरांडी, कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय, जेएमएम विधायक सविता महतो, जेएमएम विधायक भूषण तिर्की, कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, विधायक संजीव सरदार, राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगाड़ी, अनुप सिंह, प्रदीप यादव, सुदिव्य सोनू, भूषण बाड़ा, कांग्रेस विधायक सोना राम सिंकू पहुंच गए है.
सीएम से मिले जुगसलाय विधायक मंगल कालिंदी
इस बीच जुगसलाय विधायक मंगल कालिंदी सीएम से मिलने पहुंचे. इस बीच उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठक आहूत है. वहीं जब उनसे नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने मौन साधा. उनके साथ मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर नजर आए.
विधायकों को भेजी गई सूचना में बताया गया है कि इसमें आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर विचार-विमर्श होगा. बता दें कि हेमंत सोरेन पांच महीने जेल में रहने के बाद 28 जून को जमानत पर रिहा हुए हैं. इसके बाद सत्तारूढ़ गठबंधन की यह पहली बड़ी बैठक है.
बता दें कि पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार की दोपहर को सीएम चंपाई सोरेन से उनके मोरहाबादी स्थित आवास पर मुलाकात की. इसको लेकर सत्ता पक्ष के विधायक में हलचल बढ़ गई है. ऐसे में इस पर पूरे राज्य की नजरें टिकी हुई है. बैठक से पहले सूबे का सियासी पारा चढ़ गया है और चर्चाओं का बाजार गर्म है. बताया जा रहा है कि बैठक में विधानसभा चुनाव के संबंध में भी चर्चा होगी, हर विधानसभा सीट पर गहनता से मंथन किया जाएगा. हर तरह से आकलन कर प्रत्याशियों के नाम पर भी रायशुमारी की जाएगी. इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में साझा चुनावी अभियान की रणनीति बनाई जाएगी.