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रांची/डेस्क: गंगाजल को लेकर भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है और इसे सही तरीके से रखना शुभ और पवित्र माना जाता हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, गंगाजल को कभी भी प्लास्टिक के बर्तन में रखना चाहिए क्योंकि यह इसके शुद्ध रूप को प्रभावित कर सकता हैं. सबसे शुभ माना जाता है तांबे या पीतल के बर्तन में गंगाजल को रखना.
गंगाजल को हमेशा साफ और रोशनी वाली जगह में रखना चाहिए औरर गंदगी वाली जगह पर इसे नहीं रखना चाहिए. इसके साथ ही गंगाजल को छूने से पहले नहाना जरुरी है और इसे खाना खाते समय या जूते पहनकर नहीं उठाना चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि गंगाजल का छिड़काव घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर की शुद्धि के लिए ग्रहण के समय इसका छिड़काव विशेष रूप से लाभकारी होता हैं. गंगाजल सालों तक खराब नहीं होता और शुद्ध बना रहता है, जो इसे एक अनमोल और पवित्र जल बनाता हैं. यह हमेशा पवित्रता और सकारात्मकता बनाए रखने में मदद करता है, जिससे घर और परिवार में शांति बनी रहती हैं.