न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: दिन 1 फरवरी 2025, समय सुबह के 6 बजकर 40 मिनट रोजाना की तरह न्यूज 11 भारत के कर्मचारी अपना काम कर रहे थे. सबकुछ सामान्य दिनों की तरह चल रहा था. तभी पुलिस जवानों की एक फौज घुसती हैं. सबसे पहले दफ्तर में लगे सीसीटीवी कैमरे का कनेक्शन काटा जाता है, कुछ को तोड़ दिया जाता हैं. इस से पहले की यहां के कर्मी कुछ समझ पाते, प्रशासनिक टीम के इस रवैये पर सवाल करते उससे पहले एक पुलिस इंस्पेक्टर महिला कर्मियों को धमकी देते है कि सामान लेकर बाहर निकलो नहीं तो जेल में डाल देंगे. तभी चैनल की एक महिलाकर्मी ने अपने मोबाइल फोन से वीडियो बनना शुरु किया ही थी कि उसे धक्का देते हुए कहा कि मोबाइल बंद करो नहीं तो अंदर डाल देंगे. जब प्रशासनिक टीम द्वारा लाए कागज में अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची द्वारा पारित आदेश के आलोक में न्यूज 11 भारत के रांची हरमू रोड स्थित पंचवटी टावर-2 के सातवें तल्ले की यूनिट 704 को खाली कराने बात होती है, तब पुलिस जवान 703 में भी घुस जाते हैं. जहां चैनल का प्रसारण होता हैं. दो पुलिस अधिकारी जबरन प्रोडक्शन कंट्रोल रूम में घुसते है और वहां पर लगे कंप्यूटर को जबरन बंद कर देते हैं.उस वक्त चैनल ब्लैक हो जाता हैं. न्यूज रूम में लगे कम्प्यूटर्स को जबरन बंद करने के लिए कहा जाता हैं. चैनल का सम्पर्क टेलीपोर्ट से टूट जाता हैं. तब टेलीपोर्ट नोएडा से ही चैनल का कनटेंट डायरेक्ट प्रसारित होने लगता हैं. यह देख फिर से दोनों खास तौर पर भेजे गए पुलिस कर्मी घबरा जाते हैं. फिर किसी उच्च अधिकारी से फोन पर बात करते है और पुन: स्टूडियो और प्रोडक्शन कनट्रोल रूम में दाखिल होते है और वहां लगे सभी सिस्टम को सहयोगी पुलिस कर्मियों से उखाड़ फेंकने का आदेश देते हैं. तबतक चैनल के बाकी कर्मी भी दफ्तर पहुंच गए और पुलिस के इस कृत का विरोध करने लगते है और बताते है की यूनिट 704 की दखल दिहानी का आदेश आपको मिला है तो यूनिट 703 में आप क्यों दाखिल हो रहे हैं. वो पुलिस अधिकारी मजिस्ट्रेट की भी बात नहीं सुन रहे थे जबकि दखल दिहानी की तामिल वही करवाते हैं. पुलिस सिर्फ विधी व्यवस्था संभालती है लेकिन इस मामले में इस पूरी प्रक्रिया को कोई अन्य पुलिस अधिकारी अपने मोबाइल फोन और वीडियो कॉलिंग के जरिए संभाल रहा था. दखल दिहानी से ज्यादा पुलिस का फोकस चैनल के प्रसारण को रोकने पर दिखता हैं.
चलिए बताते है क्या है पूरा मामला?
दरअसल न्यूज 11 भारत पंचवटी टावर के सातवें तल्ले की यूनिट नंबर 703 और 704 से संचालित होता आया हैं. जिनके दो अलग-अलग मालिक हैं. यूनिट नंबर 704 के मालिक से किराये को लेकर प्रबंधन का विवाद कोर्ट में चल रहा था. 30 जनवरी को एसडीओ कोर्ट ने फैसला दिया, जिसमें चैनल को अपर कोर्ट में अपील करने और प्रथम पक्ष को दखल दिहानी का आदेश लेने की अनुमति दी लेकिन आदेश की कॉपी चैनल के वकील को 31 जनवरी शुक्रवार की शाम उपलब्ध करायी गई. 31 जनवरी को ही दखल दिहानी का आदेश भी दे दिया गया और बिना नोटिस के 1 फरवरी यानी शनिवार को सुबह सूर्योदय से पहले दखल दिहानी के लिए मजिट्रेट के साथ पुलिस की पूरी फौज चैनल परिसर में दाखिल हो गई. चैनल को बिना नोटिस दिए रातोंरात पूरी की गई. ये प्रक्रिया कानून को ताक पर रख कर की गई और यह ध्यान रखा गया कि अगले तीन दिन अदालती प्रक्रिया बंद रहेगी.
अब आगे क्या होगा?
प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी न्यूज़ 11 भारत को ऑफ एयर करने की, थोड़ी देर के लिए वो सफल भी हुए, लेकिन सत्य को नहीं दबा पाए. विपरीत परिस्थितियों में चुनौतियों से लड़ हमने कुछ ही देर में फिर से चैनल का प्रसारण शुरू कर दिया और हमारे दर्शक रूपी करोड़ों शुभचिंतकों के आशीर्वाद से आगे भी हम सच है तो दिखाते रहेंगे. प्रशासन की इस दबंगता की आवाज दिल्ली तक पहुंच गई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय गृह सचिव को सोमवार को इस कार्रवाई से जुड़े सारे दस्तावेजों के साथ बुलाया है. वहीं न्यूज़ 11 भारत अब इस मामले को लेकर ऊपरी अदालत तक जाएगा, करोड़ों भारतीयों की तरह हमे भी भारतीय न्याय प्रक्रिया में पूरी निष्ठा है.