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रांची/डेस्क: माता-पिता द्वारा कही गई बातों का बच्चों पर गहरा असर होता है. कभी-कभी तो बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल देता है. इसलिए बच्चों को फटकार और शब्बाशी देने से पहले एक बार सोच लेना चाहिए. उन्हें सही फीडबैक मिले तो उनका मानसिक स्वास्थ्य तंदुरुस्त रहता है.
गलत फीडबैक मानसिक स्वास्थ्य पर डालता है असर
शब्दों और संकेतों के माध्यम से माता-पिता जो भी बच्चों को कहते है, वह बच्चों की आत्म सम्मान और आत्म छवि के विकास अहम भूमिका निभाते है. साइकोलॉजिस्ट की माने तो बच्चों को सकारात्मक फीडबैक देने पर उनमें आत्मविश्वास बढ़ जाती है और एक सकरात्मक तस्वीर उनकी अपने आप में बनती है.
वहीं छोटी-छोटी बातें बच्चों का सेल्फ कॉन्फिडेंस को बूस्ट कर देती है. जैसे कि बच्चे ने गिटार अच्छा बजाया और माता-पिता ने उसकी प्रसंशा कर दी. इससे बच्चों में आत्मविश्वास का संचरण होता है. मनोविज्ञानिकों की माने तो सकारात्मक इमेज बच्चों को नई चीजे सिखने के लिए प्रोत्साहित करती है. माता-पिता के द्वारा बोले गए शब्द बच्चों को ये सोचने पर मजबूर कर देते है कि "वें कौन है" .इसकी वजह से बच्चों में खुद के प्रति दूसरों के साथ रहने का आत्मविश्वास और कंफर्ट पनपता है.