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बुढ़मू/डेस्क: सोमवार को चकमें मदरसा में जलसा-ए-दस्तारबंदी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन, विशिष्ट अतिथि अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम उपस्थित हुए. कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत के बाद मुख्य अतिथि द्वारा फीता काटकर मंच के उद्घाटन कर किया गया. मौके पर वक्ताओं ने चकमें मदरसा की उपलब्धियों और इसके संचालन में हो रही कठिनाइयों से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को अवगत कराया.मंच को संबोधित करते हुए हफीजुल हसन ने कहा की आज आधुनिकता की होड़ में समाज के युवा दीनी तालीम से दूर हो रहे हैं यह उचित नहीं है. उन्होंने कहा की इस्लाम तलवार नहीं व्यवहार से फैला है और जिसके दिल में कुरान और हाथ में संविधान हो उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. उन्होंने शिक्षित व विकसित समाज के निर्माण की अहमियत को बताते हुए कहा की मदरसा चलाना आसान नहीं है,मदरसे दीन को कायम करने का दरवाजा है. उन्होंने अपने चार साल के कार्यकाल में रिकार्ड 35000 कब्रिस्तानों की चारदीवारी कराने की बात कहते हुए कहा की भाजपा सरकार ने रैयती जमीन में स्थित कब्रिस्तानों की घेराबंदी को बंद कर दिया था जिसे हम पुनः चालू कराने वाले हैं.इसके साथ मौलानाओं को पेंशन देने की योजना बताया.
कुरान हिज्ब करने वालों की दस्तारबंदी---रात भर चलनेवाले कार्यक्रम में पिछले छह महीने में कुरान हिज्ब करनेवाले दस छात्रों की दस्तारबंदी किया गया. इन छात्रों को हाफिज की उपाधि सौंपी जायेगी. कार्यक्रम में मदरसा को जमीन दान देनेवालों, मदरसा संचालक को सम्मानित किया गया. संचालन प्रखंड अंजुमन कमिटी के सदर शमीम बाड़े हार ने किया. मौके पर मुख्य रूप से विधायक सुरेश कुमार बैठा, पूर्व जिप सदस्य कांके हाकिम अंसारी, झामुमो के जिलाध्यक्ष मुश्ताक आलम, मौलाना साबिर, प्रमुख सत्यनारायण मुंडा, उप प्रमुख हरदेव साहू, झामुमो नेता शमीम बड़ेहार, मोहित खान, नुरूल होता खान, नयुम अंसारी, अमनराज,सज्जाद अहमद, जाकिर अंसारी, इदरिश अंसारी, तस्लीम अंसारी, सजिबूल अंसारी समेत सैकड़ों लोग शामिल थे.