नाराज पीडीएस दुकानदारों ने 1 अक्टूबर को बुलाई आपात बैठक, होगी आरपार के लड़ाई की घोषणा
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: झारखंड के पीडीएस दुकानदारों को सरकार 8 माह से कमीशन का भुगतान नहीं कर रही हैं. इससे नाराज राज्य के पीडीएस दुकानदारों ने 1 अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय बैठक का आह्वान किया हैं. बैठक में सरकार के खिलाफ आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा. ऑल इंडिया फेयर प्राईश शॉप डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष नंदू प्रसाद ने बताया की सभी समस्याओं के समाधान हेतु राज्य समिति के निर्णय के अनुसार एक माह का समय लिखित में बिभाग को दिया था. यहां तक की मंत्री से मिलकर बकाये भूगतान, 4G को बहाल करने, कमीशन में बृद्धि और अनुकंपा को पूर्व की भांति सुधार हेतु निवेदन किया जिसपर वह गंभीर भी दिखे.
लेकिन किसी तरह की पहल नहीं दिख रही और लगातार कमीशन नहीं मिलने के कारण राज्य के बिक्रेता अब मुफ्त में सरकार की योजना चलाने को तैयार भी नहीं है, वैसी स्थिति में जब त्योहारों की शुरुआत अगले माह से आरंभ हो रही हैं. इन बिपरीत परिस्थितियों में 1, अक्तूबर 2024 को राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का निश्चय किया गया है जिसमें सभी जिलाकमिटियों से उनका मंतव्य लेकर आगे की रणनीति तय की जायेगी, सभी जिले के बिक्रेता ऐसी परिस्थिति में सामुहिक हड़ताल पर भी जा सकते हैं.
बताया कि वर्तमान में झारखंड प्रदेश के डीलरों को लाभुकों के बीच NFSA/PMGKAY एवं JFSA का खाद्यान्न मुफ्त में वितरण करना पड़ता है परंतु विभाग के द्वारा समय पर डीलरों को कमीशन नहीं दिया जाता, PMGKAY का कमीशन पलामू, संथाल परगना के कई जिलों, कोल्हान प्रमंडल उत्तरी छोटानागपुर एवं दक्षिणी छोटा नागपुर में अब तक संपूर्ण भुगतान नहीं हुआ हैं. दुमका जिले में पिछले आठ माह से कमीशन बकाया हैं. उसी प्रकार गुमला, गढ़वा के बिक्रेताओं को भी कमीशन नहीं मिल रहा, वर्तमान में NFSA योजना का कमीशन भी प्राप्त नहीं हो रहा है, जबकि आवंटन के साथ एडभांश कमीशन देने का प्रावधान हैं. सरकार द्वारा स्वयं NFSA के नियमों का प्रतिमाह उल्लंघन किया जा रहा जिसे कोई देखने वाला नहीं हैं.
पिछले पांच से आठ माह तक के कमीशन का भूगतान करने में बिफल खाद्ध निदेशालय आवंटित राशि को जिलों में डीलरों के बैंक एकाउंट में भेजने में असफल हो रहा हैं. पिछले मार्च 2023 का पूरे प्रदेश का कमीशन भी बकाया रह गया हैं. कोरोना अवधि का भी करोड़ों रूपये बिभाग दबाकर बैठी हैं. ग्रीन कार्ड के चावल और चना दाल का कमीशन आज तक नहीं दिया गया. कमीशन ही डीलरों के आय का एकमात्र स्रोत है, डीलरों के वर्तमान एवं बकाया कमीशन के यथाशीध्र भुगतान हेतु आरजू मिन्नत करते करते हम थक गए.
मंत्री से सचिव और निदेशक तक गुहार लगाने के बावजूद अभी तक बिभाग को समझ नहीं आ रहा हैं. ऐसा लगता है राज्य सरकार 25000 बिक्रेताओं को धमका कर उससे खाद्ध सुरक्षा योजना चलवाना चाहती हैं. प्रदेश में खाद्यान्न वितरण करने की तिथि सुनिश्चित रहती है परंतु खाद्यान्न निर्गत करने की कोई तिथि सुनिश्चित नहीं हैं. जिससे कि वितरण व्यवस्था प्रभावित होती है और लाभुक खाद्यान्न से वंचित रह जाते हैं. प्रदेश में आज भी 2G व्यवस्था के साथ निम्न स्तरीय नेटवर्क सर्वर के साथ खाद्यान्न वितरण करवाया जाता हैं. 4G व्यवस्था बहाल करवाने हेतु फरवरी 2024 के केबिनेट में ही 61 करोड़ की राशि की स्वीकृति दे दी गई थी जो अज्ञात कारणों से निकासी होकर पड़ी हुई हैं. इधर राज्य के लाभुक और डीलर्स हर रोज सर्वर के आभाव में लड़ने को मजबूर है और बिभाग तमाशा देख रही हैं.