न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार से पूछा है कि 13 साल के बाद भी धनबाद में रिंग रोड क्यों नहीं बना है. साल 2011 में धनबाद में प्रस्तावित रिंग रोड के निर्माण कार्य शुरू नहीं किए जाने के मामले को झारखंड हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने अपनी मौखिक टिप्पणी में कहा कि 13 साल बीत जाने के बाद भी धनबाद में रिंग रोड के निर्माण का कार्य क्यों नहीं शुरू किया गया? जबकि राज्य सरकार ने लोगों से जमीन अधिग्रहित कर ली है. साथ ही जमीन अधिग्रहण को लेकर मुआवजा के रूप में सरकार ने 76 करोड रुपए खर्च भी कर दिया है. जिसके वजह से जमीन का सदुपयोग नहीं हुआ.
हाईकोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को जवाब दाखिल कर यह बताने को कहा है कि रिंग रोड बनाने को लेकर क्या कार्रवाई की गई है. इस मामले में अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी. पूर्व में हुई सुनवाई में प्रार्थी ने कोर्ट को बताया था कि 16 मई 2011 को राज्य सरकार ने धनबाद में रिंग रोड बनाने के लिए अधिसूचना निकली थी. सरकार की एजेंसी झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार को रिंग रोड बनाने की जिम्मेदारी मिली थी. लेकिन रिंग रोड बनाने का कोई प्लान नहीं बनाया गया. जिसके कारण निर्माण कार्य 13 साल बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं हुआ है. सरकार की ओर से साल 2011 में ही धनबाद के धनसार, झरिया, मनाइटाड़ में लोगों की जमीन ली गई थी. जमीन अधिग्रहण में राज्य सरकार ने 76 करोड रुपए की राशि को खर्च कर दी है.