Wednesday, Apr 2 2025 | Time 01:44 Hrs(IST)
झारखंड


2025 में बिजली उत्पादन में झारखंड हो जाएगा आत्मनिर्भर, अगले साल दूसरे राज्यों को बेचने लगेगा बिजली!

2025 में बिजली उत्पादन में झारखंड हो जाएगा आत्मनिर्भर, अगले साल दूसरे राज्यों को बेचने लगेगा बिजली!
न्यूज़11 भारत

रांची/डेस्क: वित्तीय वर्ष 2025- 26 में झारखंड बिजली उत्पादन के मामले में न सिर्फ आत्मनिर्भर हो जाएगा बल्कि सरप्लस बिजली अन्य राज्यों को बेचने भी लगेगा. पतरातू थर्मल पावर यूनिट से 3 महीने के बाद उत्पादन शुरू हो जाएगा. गौतम अडानी से मुलाकात के बाद झारखंड को 400 मेगावाट बिजली और भी मिलने लगेगी. अभी पीक आवर में झारखंड को 8 से 10 रुपए प्रति यूनिट बिजली केंद्रीय पूल से खरीदनी पड़ती है. 

 

बिजली उत्पादन के मामले में झारखंड जल्द ही आत्मनिर्भर होने वाला है. 4000 मेगावाट क्षमता के पतरातू थर्मल पावर यूनिट, से एक-एक करके 800 मेगावाट बिजली इसी वर्ष झारखंड को मिलने लगेगी. जिससे झारखंड का बहुत सारा पैसा बचेगा. मौजूदा स्थिति में पीक आवर में 8 से 10 रुपए प्रति यूनिट बिजली जेबीवीएनएल को केंद्रीय पूल से खरीदनी पड़ती है. झारखंड सबसे पहले बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर होने जा रहा है.

 

गोड्डा की अदानी पावर प्लांट से सेबी एग्रीमेंट के मुताबिक 400 मेगावाट बिजली झारखंड को मिली थी. अभी एक दिन पहले गौतम अडानी से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वार्ता हुई है. उन्होंने कहा है कि किसी और थर्मल स्टेशन से झारखंड को वह 400 मेगावाट बिजली देने की व्यवस्था कर देंगे. कुछ ही महीने में अगर 800 प्लस 400 मेगावाट बिजली झारखंड को मिलने लगी, तो झारखंड दूसरे राज्यों को बिजली बेचने लगेगा. इससे जेबीवीएनएल का घाटा भी दूर हो जाएगा. 

 


अभी फिलहाल झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं को 6 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिल पे करना पड़ता है. अगर जेबीवीएनएल को 4 रुपए प्रति यूनिट बिजली की खरीद पड़ेगी तो इसका लाभ क्या जनता को ट्रांसफर नहीं किया जाएगा? जवाब में एचडी ट्रांसमिशन कहते हैं कि जरूर किया जाएगा और अभी फिलहाल वह जनता को 200 यूनिट बिजली फ्री दे भी रहे हैं. आगे बिजली की दर घटाई भी जा सकती है.

 

झारखंड गठन के 25 साल में झारखंड अपने रिसोर्सेस से एक मेगावाट बिजली भी पैदा नहीं कर पाया, और बिजली की डिमांड बढ़ती जा रही है. हालांकि झारखंड के अंदर ही कई बिजली फ्रेंचाइजी और भी हैं, जिसमें टीवीएनए, डीवीसी जुस्को और सेल, झारखंड के आठ शहरों में इन्हीं कंपनी द्वारा बिजली सप्लाई की जाती है. अब जब झारखंड बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होने जा रहा है, तो हो सकता है कि आने वाली दिनों में बिजली फ्रेंचाइजी के बजाय झारखंड का जेबीवीएनएल ही पूरे झारखंड में बिजली सप्लाई करे.





 

अधिक खबरें
Jharkhand Weather Today:  रांची में फिर से बिगड़ेगा मौसम, 11 जिलों में तूफान व बारिश की चेतावनी
अप्रैल 01, 2025 | 01 Apr 2025 | 9:52 PM

रांची समेत पूरे झारखंड में मौसम का उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है. मार्च के अंत तक कबी तेज धुप तो कभी बंगाल की खाडी से आई ठंड नमी हवा.

राजभवन के पास एक पुलिस कर्मी को कई लोगों ने पीटा, लड़कियों के साथ बदसलूकी का लगा आरोप
अप्रैल 01, 2025 | 01 Apr 2025 | 9:49 PM

रांची के कोतवाली थाना क्षेत्र के राजभवन के पास एक पुलिसकर्मी की लोगों ने जमकर पिटाई कर दी. पुलिसकर्मी पर आरोप है कि उसने लड़कियों के साथ बदसलूकी की थी. वहीं, सिपाही को बचाने और बीच बचाव करने गए कोतवाली थाना प्रभारी आदिकांत महतो को उंगली में भी चोट लगी है.

जानलेवा हो गया है खूंटी का रीमिक्स फॉल! रांची के दो छात्रों की डूबने से मौत
अप्रैल 01, 2025 | 01 Apr 2025 | 9:41 PM

एक जमाना था दशम फॉल को खतरनाक माना जाता था. अब यही हाल रिमिक्स फॉल का हो गया है. मंगलवार को दोस्तों के साथ घूमने गये दो छात्रों की खूंटी के रीमिक्स फॉल में डूबने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि रांची के खेलगांव स्थित महुआ टोली के रहने वाले रोलेन तिर्की और जेम्स सांगा अपने दोस्तों के साथ रीमिक्स फॉल घुमने गए थे. नहाने के दौरान दोनों गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे.

झारखंड में हर साल 20.75 करोड़ रुपये की बिजली चोरी, हजारीबाग सर्किल सबसे आगे
अप्रैल 01, 2025 | 01 Apr 2025 | 8:32 AM

झारखंड में हर साल 20.75 करोड़ रुपये यानी 332 लाख यूनिट बिजली चोरी हो जाती है. हजारीबाग सर्किल इस मामले में सबसे आगे है, जहां सालाना 49.62 लाख यूनिट बिजली की चोरी होती है. इसके बाद दूसरे स्थान पर जमशेदपुर है, जहां सालाना 38.39 लाख यूनिट बिजली की चोरी होती है. तीसरे नंबर पर राजधानी रांची है, जहां सालाना 28.04 लाख यूनिट बिजली चोरी होती है. यह खुलासा झारखंड राज्य बिजली वितरण (JBVNL) द्वारा झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग को सौंपे गए आंकड़ों में हुआ है.

आधुनिकता की अंधी दौड़ से अलग पुरखों की विरासत बचाने की जरूरत: शिल्पी नेहा तिर्की
अप्रैल 01, 2025 | 01 Apr 2025 | 8:18 PM

प्रकृति पर्व सरहुल पर एक बार फिर राजधानी रांची की सड़कों पर आदिवासी समाज की संस्कृति और परम्परा का अदभुत नजारा देखने को मिला. पारंपरिक परिधान में ढोल-नगाड़ा और मांदर की धुन पर नाचते-झूमते लोग सरहुल पर्व के रंग में सराबोर दिखे. राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की भी सरहुल के मौके पर अलग अंदाज में नजर आई. मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की रांची में कल्याण विभाग के द्वारा संचालित भागीरथी आदिवासी छात्रावास के छात्राओं के साथ सरहुल शोभा यात्रा में शामिल हुई. राजधानी रांची की सड़कों पर तीन घंटे से ज्यादा समय तक मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की कभी आदिवासी नृत्य, तो कभी नगाड़ा बजाती हुई नजर आई. पारंपरिक परिधान में एक साथ बड़ी संख्या में शामिल छात्राओं का नृत्य देखते ही बन रहा था.