कौशल आनंद/न्यूज 11 भारत
रांची: पिछले पंद्रह वर्ष से कछुए की गति से चल रही है एक महत्वाकांक्षी बिजली योजना इटखोरी 220/132 ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन अब पूर्ण हो गया है. इसका उद्घाटन सितंबर में ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे. इसकी तैयारी उर्जा संचरण निगम लिमिटेड में शुरू कर दिया है. लाइन के टेस्टिंग प्रकिया शुरू कर दी गयी है. ट्रांसमिशन निगम ने इसके टेस्टिंग के लिए एआरएलडीसी को पत्र लिखा है.
डीवीसी पर निर्भरता कम करने की दिशा में साबित होगा क्रांतिकारी कदम
इसके शुरू हो जाने से डीवीसी पर 50 फीसदी तक निर्भरता कम हो जाएगी. इसके बाद जेबीवीएनएल किसी भी कंपनी से बिजली लेकर बिजली आपूर्ति करने को स्वतंत्र हो जाएगा. इससे डीवीसी के कमांड एरिया के तीन जिले चतरा, हजारीबाग एवं कोडरमा पूरी तरह मुक्त हो जाएगा. यानि कि इन जिलों में अब जेबीवीएनएल का अपना नेटवर्किंग सिस्टम विकसित हो जाएगा. यहां बतातें चलें कि सरकार गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन डीवीसी के रवैये से नाराज चल रहे हैं. चूंकि उर्जा विभाग खुद सीएम के पास है, इसलिए वे यह चाहते हैं कि जल्द से जल्द डीवीसी पर बिजली की निर्भरता कम से कम हो, अपना नेटवर्क सिस्टम को खड़ा किया जाए.
109 किमी का बिछाया गया है ट्रांसमिशन लाइन
इटखोरी में ग्रिड निर्माण के साथ ही साथ 109 किमी का ट्रांसमिशन लाइन बिछाया गया है. यह लाइन लातेहार-चतरा भाया इटखोरी है. इस लाइन के बिछ जाने से इसकी बिजली चतरा के अतिरिक्त भविष्य में लातेहार, हजारीबाग एवं कोडरमा में बिजली आपूर्ति की जा सकती है. पूरे ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन को पूरा करने में ग्रिड निर्माण में 100 करोड़ एवं ट्रांसमिशन लाइन निर्माण में 200 करोड़ का खर्च आया है.
हाईपावर है ग्रिड
इटखोरी ग्रिड बहुत ही हाईपावर सिस्टम से लैस है. इसकी क्षमता 220/132 केवी की है. ग्रिड में 150 एमवीए के दो एवं 50 एमवीए के 2 पावर ट्रांसफारमर लगाए गए हैं. इससे इसकी क्षमता बहुत अधिक उच्चत्तम क्वालिटी की हो जाती है. इससे दो से तीन जिलों में बिजली आपूर्ति की जाती है.
इससे पूर्व गिरिडीह एवं सरैया ग्रिड का उदघाटन हो चुका है
डीवीसी पर निर्भरता कम करने के लिए इससे पूर्व गिरिडीह एवं सरैया ग्रिड-ट्रांसमिशन लाइन का उदघाटन हो चुका है. इससे गिरिडीह व आसपास के क्षेत्र में बिजली आपूर्ति हो सकती है. गिरिडीह भी डीवीसी कमांड एरिया के अधीन आता है.
सात जिले हैं डीवीसी कमांड एरिया के अधीन
फिलहाल झारखंड के सात जिले धनबाद, गिरिडीह, देवघर, रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा एवं चतरा डीवीसी कमांड एरिया के अधीन आते हैं. इन जिलों में डीवीसी अपने नेटवर्क सिस्टम से 700 मेगवाट बिजली आपूर्ति करती है. इन जिलों में जेबीवीएनएल का अपना नेटवर्क सिस्टम नहीं होने के कारण डीवीसी से बिजली लेना मजबूरी है. लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही हैं, उर्जा संचरण निगम अब खुद अपना नेटवर्क सिस्टम विकसित कर रहा है. ताकि भविष्य में डीवीसी पर पूरी निर्भरता को समाप्त किया जा सके. उर्जा संचरण निगम का अपना नेटवर्क खड़ा हो जाने के बाद जेबीवीएनएल कहीं से भी, किसी भी कंपनी से बिजली लेकर आपूर्ति कर सकता है. इससे डीवीसी पर निर्भरता पूरी तरह समाप्त हो जाएगी.
जेयूएसएनएल एमडी ने किया यह दावा
झारखंड उर्जा संचरण निगम लिमिटेड के एमडी केके वर्मा ने बताया कि यह बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है. इसके शुरू हो जाने के बाद डीवीसी कमांड एरिया के तीन जिलों में दूसरे सेक्टर से भी बिजली लेने के विकल्प खुल जाएंगे. इससे डीवीसी कमांड एरिया पर कम से कम 50 फीसदी से अधिक की निर्भरता समाप्त हो जाएगी. यह पूरा हो गया है. सितंबर में ही इसका उदघाटन किया जाएगा.
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