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रांची/डेस्क: 24 मई यानि कल से ही ज्येष्ठ का महीना शुरू हो गया है. बता दें की ये हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना होता है. सूर्य इस महीने में बहुत ताकतवार हो जाता है. इस महीने गर्मी भी अत्यंत पड़ती है. इस महीने को सूर्य की ज्येष्ठता के कारण ज्येष्ठ का महीना भी कहा जाता है. इस महीने सूर्य और वरुण देव की उपासना करने से विशेष फल मिलता है. वहीं ज्येष्ठ मास का वैज्ञानिक महत्व भी है. ज्येष्ठ के माह में ही हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी इसलिए इस महीने भगवान हनुमान की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस समय वातावरण और जल का स्तर गिरने लगता है. इसलिए इस महीने में जल का सही और पर्याप्त प्रयोग करना चाहिए.बता दें कि इस बार 24 मई से 21 जून तक ज्येष्ठ रहेगा. वहीं 22 जून से आषाढ़ के महीने की शुरुआत हो जाएगी.
ज्येष्ठ माह में ये करें
ज्येष्ठ के महीना में पुण्य कर्म करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ होता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी पीपल के पेड़ पर वास करती हैं. बाल गोपाल का इस माह में अभिषेक करना चाहिए साथ ही माखन और मिश्री का भोग लगाना चाहिए. इस माह में जीव जंतुओं, पशु, पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करें. इस महीने पेय वस्तुओं, छाते अन्न, आदि का दान करना बेहद ही शुभ माना जाता है. इसके साथ ही गौशाला में हरी घास का दान करें. शिवलिंग पर जल भी चढ़ाएं.
ज्येष्ठ माह की त्योहार लिस्ट
1 ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष प्रारंभ- 24 मई(शुक्रवार)
2 एकदन्त संकष्टी चतुर्थी- 26 मई (रविवार)
3 कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी- 30 मई (गुरुवार)
4 हनुमान जयंती (तेलुगु)- 1 जून (शनिवार)
5 अपरा एकादशी-2 जून (रविवार)
6 मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत- 4 जून (मंगलवार)
7 ज्येष्ठ अमावस्या, वट सावित्री व्रत, शनि जयंती-6 जून (गुरुवार)
8 विनायक चतुर्थी- 10 जून (सोमवार)
9 स्कंद षष्ठी- 11 जून (मंगलवार)
10 धूमावती जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी-14 जून (शुक्रवार)
11 मिथुन संक्रांति- 15 जून (शनिवार)
12 गंगा दशहरा-16 जून (रविवार)
13 गायत्री जयंती- 17 जून(सोमवार)
14 निर्जला एकादशी- 18 जून(मंगलवार)
15 प्रदोष व्रत-19 जून (बुधवार)
16 ज्येष्ठ पूर्णिमा- 21 जून (शुक्रवार)
17 कबीरदास जयंती 22 जून (शनिवार)