देश-विदेशPosted at: अप्रैल 24, 2025 पर्यटकों के लिए आकर्षक धार्मिक स्थलों में से एक है पहलगाम का ये मंदिर, शिवजी ने बनाया था गणेश जी को द्वारपाल
अनुमति नहीं देने से काट दी थी गणेश जी की गर्दन, फिर लगा दिया था हाथी का सर

न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- पहलगाम मे आतंकी हमले में मंगलवार को करीब 28 लोगों की जाने गई, इस घटना से पूरे देश सदमें में है. बता दें कि आतंकियों ने वैसारन वैली नाम के जगह पर हिन्दू पूरूषों को अपना निशाना बना कर उसकी जान ले ली. कलमा पढ़ने को कहा गया फिर उसकी जान ली गई. जम्मू-कश्मीर की जमीं पर ये कोई पहला घटना नहीं है कई घटनाएँ पहले भी घट चुकी है. पर पहलगाम से जुड़ी इस तरह की घटना बड़ा दुखदाई है. पहलगाम जिसका हिन्दु ग्रन्थ में एक विशेष स्थान रखता है. यहां शिव जी के कई मंदिर हैं. मामलेश्वर मंदिर कश्मीर घाटी के सबसे पुराने मंदिर में से एक है, यह मंदिर पहलगाम गांव में ही स्थित है. माना जाता है कि यह मंदिर 12वीं शताब्दी में लोहरा वंश के शासक जयसिंह के द्वारा बनाया गया था. इस मंदिर के छत पर सोने का कलश भी चढ़ाया गया था. पहलगाम के सबसे आकर्षक धार्मिक स्थल में से एक है ये मंदिर. हर साल लगभग हजारों श्रद्धालु यहां भगवान शिव के पूजा अर्चना के लिए आते हैं. इस मंदिर को ममम्ल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर में गणेश को द्वारपाल के रूप में नियुक्त किया गया था. मम्मल का अर्थ होता है मम यानी मत और मल यानी जाना यानी की मत जाओ. मंदिर में दो सुंदर नंनदी की मुर्तियां भी है. मंदिर के अंदर शिवलिंग भी स्थापित है. हिन्दु धर्मग्रन्थों को देखे तो यही मंदिर है जहां भगवान शिव ने गणेश जी को द्वारपाल बना कर खड़ा करवाया था, ताकि कोई भी अंदर न आ पाए. इसी दौरान एक बार भगवान शिव अंदर जाने लगेतो गणेश जी ने उन्हे रोक लिया, इसी बात से नाराज होकर शिवजी ने गणेश का सर काट दिए. पार्वती को पता चला तो उन्हे बहुत गुस्सा हुआ. शिवजी से पर्वती ने कहा कि गणेश अपना ही पुत्र है.
पार्वती की बात सुनने के बाद शिवजी ने तुरंत एक हाथी का सर लगा कर जिंदा कर दिए. माना जाता है कि यही जगह शिवजी को हाथी का कर मिला था. इसी वजह से मामलेश्वर मंदिर हिंदुओं के लिए एतिहासिक व धार्मिक रुप से महत्वपूर्ण माना जाता है.