Monday, Apr 28 2025 | Time 10:21 Hrs(IST)
  • जमीन विवाद में भतीजा ने चाचा-चाची की टांगी से काटकर कर दी हत्या, आरोपी गिरफ्तार
  • सरकारी सड़क को तुलग्राम गांव के दबंग लोगों ने घेरा, जांच में जुटी पुलिस
  • आईटीडीए निदेशक प्रवीण गागराई की मानवीय रूप, बच्चों के बीच पहुंच हो जाते हैं भावुक
  • Jharkhand Weather Update: झारखंड में फिर बदला मौसम का मिजाज, अगले 6 दिनों में आंधी ,बारिश ,वज्रपात का अलर्ट
देश-विदेश


पहलगाम आतंकी हमले के बीच इंसानियत की मिसाल बने कश्मीरी, जान की परवाह किए बिना पर्यटकों की बचाई जान

पहलगाम आतंकी हमले के बीच इंसानियत की मिसाल बने कश्मीरी, जान की परवाह किए बिना पर्यटकों की बचाई जान

न्यूज 11 भारत



रांची/डेस्क:  बीते 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को हिला दिया है, लेकिन इस हमले के बीच एक नाम सामने आया, जिसने अपने साहस और मानवता से सभी का दिल जीत लिया. यह नाम है नजाकत, जो जम्मू-कश्मीर में एक साधारण कपड़ा व्यापारी हैं.

 

बता दें कि नजाकत उस वक्त छत्तीसगढ़ के 11 पर्यटकों को कश्मीर की सैर पर ले गए थे, जिनमें बीजेपी युवा मोर्चा के नेता अरविंद अग्रवाल का परिवार भी शामिल था. जैसे ही आतंकी हमले की गोलीबारी शुरू हुई, नजाकत ने अपनी जान की परवाह किए बिना पर्यटकों के बच्चों को गोद में उठाया और उन्हें जमीन पर लेटा दिया. उनका कहना था, "मैंने सोचा चाहे मेरी जान चली जाए, लेकिन बच्चों की जान बचनी चाहिए."

 

नजाकत ने सिर्फ बच्चों की जान नहीं बचाई, बल्कि एक कटी हुई जाली के माध्यम से सभी 11 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. इसके बाद अरविंद अग्रवाल ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिए नजाकत का आभार व्यक्त किया और उनके साहस को सराहा. और बताया कि "जब गोलियां चलने लगीं तो बचने की उम्मीद कम थी. मुझे लगा मैं बच नहीं पाऊंगा, इसलिए मैंने आखिरी बार अपने बच्चों से बात करने की कोशिश की, लेकिन नेटवर्क न होने के कारण मैं उनसे बात नहीं कर पाया." नजाकत के बारे में यह भी बताया गया कि वे वही व्यक्ति हैं, जिनके भाई आदिल ने आतंकियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी थी. नजाकत और आदिल जैसे लोग ही असली इंसानियत और साहस का प्रतीक हैं, जिन्होंने संकट की घड़ी में न केवल अपनी बल्कि दूसरों की जान भी बचाई.

 


 

पढ़ें, आदिल की दिल छूने वाली कहानी 

 

वहीं, पहलगाम में आतंकी हमले के दौरान सैयद आदिल हुसैन शाह ने परवाह किए बिना अकेले  ही आतंकवादियों भिड़ गए. आदिल ने एक आतंकी के हाथ से राइफल छीन ली और खुद के सीने पर गोली खाकर 50 से ज्यादा पर्यटकों की जान बचा ली. वहीं, चश्मदीदों ने बताया कि जब आतंकवादियों ने हमला किया.

 

मंगलवार (22 अप्रैल) को आदिल पहलगाम से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर बैसरन पर्यटकों को लेकर आये थे. वह कुछ दूरी पर बैठे थे. तभी आतंकवादियों ने हमला कर दिया, उस वक्त आदिल हुसैन ने सिर्फ एक ड्राइवर नहीं बल्कि एक रक्षक की भूमिका निभाई. आतंकी जैसे ही लोगों को मारना शुरू किया तो वह उनके पास पहुंच गए. और आतंकियों ने आदिल का धर्म पूछा. आदिल ने खुद को मुसलमान बताया. आतंकियों ने आदिल से हट जाने को कहा. लेकिन आदिल ने बहादुरी दिखाई और आतंकवादियों से उनकी बंदूक छीनने की कोशिश की और इस दौरान आदिल हुसैन मारे गए. 

 

वहीं, चश्मदीदों ने बताया कि आदिल आतंकियों से नहीं भिड़ते तो मरने वालों का आंकड़ा 80-90 के पार होता. आतंकियों का समय आदिल पर बर्बाद हुआ और इसका फायदा पर्यटकों को मिल गया. मौका पाकर 50 से अधिक सैलानी जान बचाने में कामयाब रहे. 

 



 

वहीं, एक महिला ने सोशल मीडिया पर वीडियो में कहती है कि "हम बचे... क्योंकि एक कश्मीरी भाई ने हमें अपने घर में जगह दी..." ये शब्द हैं उस महाराष्ट्र के परिवार के जो हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में बाल-बाल बचा, और उन्हें बचाया उन्हें एक टैक्सी ड्राइवर आदिल ने. उन्होंने न सिर्फ डर से कांपते इस परिवार को अपने घर में शरण दी, बल्कि भोजन, सुरक्षा और हौसला भी दिया. वीडियो में एक महिला कहती हैं — “आदिल भाई ने हमें अपने घर में रखा, खाना दिया और सुरक्षित जगह पर ले गए. सुबह से हमें हिम्मत देते रहे”

 



बता दें कि आदिल हुसैन टट्टू चालक थे. वे पर्यटकों को घोड़े पर घुमाते थे. आदिल के पिता सैयद हैदर शाह ने बताया कि दिल हुसैन अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य भी थे. उनके परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चे हैं. परिवार ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है. कहा  कि उस हमले में मेरे बेटे को भी गोली लगी है, जो भी इसके लिए जिम्मेदार है, उसे सजा मिलनी चाहिए. 


 


अधिक खबरें
अगर चाहते हैं रात में गहरी और सुकून भरी नींद,  तुरंत अपनाए ये तरीका
अप्रैल 27, 2025 | 27 Apr 2025 | 6:31 PM

रात की अच्छी नींद आपकी सेहत के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है जितना कि सही आहार और नियमित व्यायाम. यदि आपकी नींद पूरी नहीं होती, या आप गहरी नींद में नहीं जा पाते, तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य, मूड, दिल की सेहत, इम्यून सिस्टम और सोचने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है. साथ ही, नींद की कमी मोटापा और डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ा सकती है. इसलिए, रात को अच्छी नींद लेना आपकी सेहत को सुधारने के लिए बेहद जरूरी है.

विदेश मंत्री जयशंकर और NSA अजित डोभाल BRICS की अहम बैठक में शामिल नहीं होंगे, पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया फैसला
अप्रैल 27, 2025 | 27 Apr 2025 | 5:36 PM

पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. ब्राजील में 30 अप्रैल को होने वाली BRICS विदेश मंत्रियों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने शामिल नहीं होने का फैसला किया है. विदेश मंत्री और NSA की गैर मौजूदगी में भारतीय BRICS शेरपा बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि ये फैसला सुरक्षा के नजरिए से लिया गया है. बता दें कि, 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद एक्शन में आई सुरक्षाबलों ने आतंकियों और उनके ठिकानों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू कर दिया है.

क्या रात में आपको भी होती है गहरी नींद लेने से परेशानी? ये है वजह..
अप्रैल 27, 2025 | 27 Apr 2025 | 3:43 PM

रात की नींद स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी है, खराब नींद का अर्थ इससे है कि रात में आपकी बार बार नींद खुल जाती है, गहरी नींद का न आना. 7 घंटे से कम का नींद लेना. इससे मूड हृदय, इम्युनिटी जैसी कई समस्या उत्पन्न कर सकती है. इससे मोटापा व डायबिटीज जैसी भी समस्या भी हो सकती है.

मन की बात में पीएम मोदी ने चंपारण सत्याग्रह को बताया एतिहासिक, पहलगाम की भी चर्चा की
अप्रैल 27, 2025 | 27 Apr 2025 | 1:08 PM

प्रधानमंत्री मोदी ने अज अपने मन की बात में पहलगाम के आतंकी हमले से लेकर 1957 के चंपारण सत्याग्रह तक का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि अप्रैल महीने में किए गए इस सत्याग्रह का एक अलग महत्व है

पैरों तले पाकिस्तानी झंडे रौंदे जाने से भड़की महिला, बजरंग दल कार्यक्रताओं को कहा भला बुरा
अप्रैल 27, 2025 | 27 Apr 2025 | 12:23 PM

पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ कर्नाटक में पाकिस्तान के झंडे जमीन पर बिछाए गए थे