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रांची/डेस्कः राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को भूमि के बदले नौकरी मामले में अंतिम आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने समय दिए जाने के बावजूद अंतिम आरोप पत्र दाखिल न किए जाने पर भी नाराजगी जताई. इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्य भी आरोपी हैं. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने सीबीआई द्वारा हर तारीख पर आरोप पत्र दाखिल करने के लिए समय मांगे जाने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने एजेंसी को और समय देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 7 जून तक अंतिम आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है.
17 आरोपियों के खिलाफ है चार्जशीट
यह मामला लालू प्रसाद यादव, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र के साथ दाखिल दस्तावेजों की जांच के चरण में है. भूमि के बदले नौकरी घोटाले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव आरोपी हैं. 4 अक्टूबर 2023 को कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और अन्य को कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले मामले में नए आरोप पत्र के संबंध में जमानत दे दी थी. सीबीआई के अनुसार, दूसरी चार्जशीट 17 आरोपियों के खिलाफ है, जिसमें केंद्रीय रेल मंत्री, उनकी पत्नी, बेटे, पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के जीएम, डब्ल्यूसीआर के दो सीपीओ, निजी व्यक्ति, निजी कंपनियां आदि शामिल हैं.
लालू परिवार पर है आरोप
लैंड फॉर जॉब स्कैम से संबंधित मामले आरोप है कि वर्ष 2004-2009 के दौरान लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के विभिन्न जोनों में ग्रुप "डी" पदों पर स्थानापन्नों की नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर भूमि संपत्ति के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया. यह भी आरोप लगाया गया कि इसके बदले में, स्थानापन्नों ने, जो स्वयं पटना के निवासी थे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से, पटना में स्थित अपनी भूमि को उक्त मंत्री के परिवार के सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में बेच दिया और उपहार में दे दिया, जो उक्त परिवार के सदस्यों के नाम पर ऐसी अचल संपत्तियों के हस्तांतरण में भी शामिल थी.