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रांची डेस्क: भारत के गगनयान मिशन के लॉन्चिंग के लिए पुरे देश के साथ साथ ही दुनिया की भी नजर टिकी हुई है. सभी लोग इसरो के इस मिशन के लॉन्चिंग की बेसब्री से इंतजार कर रहे है. देश के कई अहम मिशन को लेकर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने जानकारी सामने राखी है. शनिवार 26 अक्टूबर को एस सोमनाथ ने आकाशवाणी पर सरदार पटेल स्मृति व्याख्यान देते हुए इसरो के आने वाले कई महत्वपूर्ण मिशनों के नई तारीखों का खुलासा किया.
मिशन गगनयान 2026 में फिक्स
मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान को लेकर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि इसकी लॉन्चिंग संभवतः साल 2026 में होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चंद्रयान-4 की लॉन्चिंग साल 2028 में होने की उम्मीद है. भारत और अमेरिका का संयुक्त मिशन निसार की लॉन्चिंग अगले साल हो सकती है. इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने स्पेस टेक्नोलॉजी के अधिक स्वदेशीकरण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत अगले दशक तक अपने योगदान को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने के लक्ष्य को लेकर काम कर रहा है.
2028 के बाद चंद्रयान-5 की होगी लॉन्चिंग
इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के साथ संयुक्त चंद्रमा-लैंडिंग मिशन को मूल रूप से लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन या LUPEX का नाम दिया गया था. वह चांद्रयान-5 होगा. इसकी लॉन्चिंग के लिए उन्होंने कोई तारीख या अपेक्षित समय सीमा के बारे में नहीं बताया है. पहले LUPEX मिशन को सा; 2025 में लॉन्च किया जाना था. लेकिन अब इसे चंद्रयान-5 के रूप में बताया गया है. अब इसकी लॉन्चिंग साल 2028 के बाद ही हो सकती है, क्योंकि 2028 में चंद्रयान-4 की लॉन्चिंग निर्धारित है.
2040 में चंद्रमा पर मानव मिशन
एस सोमनाथ ने कहा कि LUPEX मिशन एक बहुत ही बड़ा मिशन होने वाला है. इस मिशन में भारत द्वारा लैंडर प्रदान किया जाएगा और जापान द्वारा रोवर दिया जाएगा. आपको बता दे कि चंद्रयान-3 के रोवर का वजन केवल 27 किलोग्राम था. लेकिन इस मिशन में रोवर का वजन 350 किलोग्राम होगा. उन्होंने आगे कहा कि यह एक बहुत बड़ा मिशन है. इस मिशन से हम चंद्रमा पर मानव को उतारने के एक कदम और करीब चले जाएंगे. साल 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने की योजना का खुलासा भारत ने किया है.
2028 तक बनेगा भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन
चंद्रमा पर चौथे मिशन के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर को मंजूरी. दी थी.इसके साथ ही भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) की पहली इकाई का निर्माण साल 2028 तक करने के लिए भी हरी झंडी दे दी है. साल 2035 और एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक चंद्रमा की सतह पर एक भारतीय को उतारने की परिकल्पना की थी. इस टारगेट को पूरा करने के लिए बीएएस-1 के पहले मॉड्यूल के विकास को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है.