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सिमडेगा/डेस्क: राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा शनिवार को सदर प्रखंड के गरजा पंचायत भवन में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इस मौके पर प्राधिकार से जुड़े पदधारियों ने ग्रामीणों के कानून की जानकारी दी. मौके पर चीफ एलएडीसीएस प्रभात कुमार श्रीवास्तव और डिप्टी एलएडीसीएस बृखभान अग्रवाल ने ग्रामीणों को कानून की जानकारी देते हुए जागरूक करने की कोशिश की. अग्रवाल ने लोकअदालत और स्थायी लोक अदालत के संरचनाओ को बताते हुए कहा कि सुलह योग्य आपराधिक मामले सहित अन्य मामले का निष्पादन लोकअदालत में आपसी समझौते के आधार पर होता है. उन्होंने कहा कि लोक अदालत में निष्पादित मामले की अपील उपरी अदालत में नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि भारत देश में संविधान के अनुसार हर किसी को अपने खिलाफ हुई घटनाओं के लिए न्यायालय से न्याय मांगने का पूर्ण अधिकार है. इसके लिए स्थानीय न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट हर नागरिको को न्याय और अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं. विधिक नियमों को बताने और समझाने के लिए हर साल 9 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है.
श्रीवास्तव ने कहा कि हर साल राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस 9 नवंबर को मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य यह है कि सभी नागरिकों को उचित,निष्पक्ष और न्यायपूर्ण प्रक्रिया का लाभ मिले. इसके लिए जागरूकता फैलाना है. इस दिवस को हर साल इस दिन पर इसलिए मनाया जाता है ताकि समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को मुफ़्त,बेहतरीन और कानूनी सेवाएं सही ढंग से मिल सकें. इस दिन नागरिकों को विधिक सेवाओं की जानकारी दी जाती है. उन्होंने कहा कि कई लोग ऐसे होते हैं जो वकील की फीस नहीं चुका पाते है इसके लिए महिला,दिव्यांग,आपदा पीड़ित,बीपीएल,जेल में निरुद्ध व्यक्तियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकार की तरफ से निशुल्क अधिवक्ता की सहायता दी जाती है. उन्होंने कहा कि पीडीजे के नेतृत्व में प्राधिकार कई तरह के विधिक सेवाएं प्रदान कर रहा है,जिसका लाभ उठाने के लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. इससे पूर्व कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का स्वागत मुखिया बसंती डुंगडुंग ने किया.
मौके पर कम्युनिटी फैसिलिटेटर पुनिया नागवार,पीएलवी अजती केरकेट्टा,काजल कुमारी,सुरजीत प्रसाद,शहजादा सरफराज सहित कई लोग मौजूद थे.