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रांची/डेस्क: महालक्ष्मी व्रत का आज आखिरी दिन है. महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत 11 सितंबर को हुई थी. बता दें, पितृपक्ष के दौरान आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी व्रत का समापन होता है. इस व्रत को करने वालों पर महालक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. महालक्ष्मी व्रत राधा अष्टमी से लेकर आश्विन कृष्ण अष्टमी तक चलता है. ऐसा भी माना जाता है कि यदि कोई मनुष्य इस महालक्ष्मी व्रत श्रद्धा पूर्ण तरीके से करता है तो, देवी लक्ष्मी उस मनुष्य को धन के भंडार हमेशा भरे रहने का आशीर्वाद देती है और उसके घर में कभी धन की कमी नहीं होती है.
ये है अंतिम महालक्ष्मी व्रत की तिथि
हिन्दू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 24 सितंबर को शाम 05 बजकर 45 मिनट पर होगी. इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 25 सितंबर की शाम को 04 बजकर 44 मिनट पर होगा. महालक्ष्मी व्रत का उद्यापन 24 सितंबर को किया जाएगा.
इस तरह करें महालक्ष्मी व्रत का समापन
बता दें, इस महालक्ष्मी व्रत का समापन सुबह स्नानादि कार्यों से निवृत होकर देवी की पूजा और उद्यापन का संकल्प लें. पूजा के लिए माता लक्ष्मी की प्रतिमा को एक चौकी पर रखें. चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उसे अच्छी तरह से सजा लें. इसके बाद माता के मस्तक पर कुमकुम का तिलक लगाए. अंतिम महालक्ष्मी व्रत के दिन एक स्फटिक की माला लें. उसे कुछ देर गुलाब जल में भिगो लें. इसके बाद उसी माला से "ॐ श्रीं श्रीयै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें. धूप, दीप, फूल और चंदन के साथ देवी की आरती करें. देवी लक्ष्मी को फल और मिठाई का भोग लगाएं. चंद्रोदय होने पर अर्घ्य दें. फिर व्रत का समापन करें.