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रांची/डेस्क: इस भीषण गर्मी के मौसम में बाजार में हर तरफ तरह-तरह के आम की वैरायटी के ठेले नजर आएंगे. बाजार को मौजूद आम इतने सुंदर होते हैं कि हर कोई इसके ओर खिचा चला जाता है और उसे खरीदने का मन करता है. पर क्या आपने यह सोचा है कि यह सुंदर और फ्रेश दिखने वाले आम नकली भी हो सकते हैं. बाजार में मौजूद बड़े दर्जे में नकली आम की भरमार है. सवाल यह है कि नकली आम होता क्या है ? इसके कैसे तैयार किया जाता है? इसे खाने से आपके सेहत कपर क्या असर हो सकता है.
क्या होता है नकली आम?
नकली आम का मतलब यह नहीं है कि यह मशीनों द्वारा पकाए जाते हैं. यह आम साधारण रूप से पेड़ों से ही तोड़े जाते हैं. पर इन्हें कृतिम तरीके से पकाने के तरीके के वजह से इन्हें नकली आम बोला जाता ही. आपको बता दें कि आमों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड नामक एक पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है. जिसके इस्तेमाल से आमों को पकाया जाता है और वह फ्रेश दिखते हैं. कैल्शियम कार्बाइड इस्तेमाल पर भारत में बैन है. कार्बाइड के इस्तेमाल से पकाये गए आम सेहत के लिए काफी हानिकारक होते हैं.
कैसे पकाया जाता है आम
कम दिनों में आम को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है. बैन होने के बवाजूद कैल्शियम कार्बाइट बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है. यह एक के पत्थर की तरह होता है. लोग इसे चुना पत्थर भी कहते हैं. इसे कच्चे आमों के बीच में पोटली बनाकर कपड़े में लपेटकर रख दिया जाता है. फिर चारों तरफ आम रख कर टोकरी को ऊपर बोरी से बंद कर अच्छे से पैक कर दिया जाता है. इसके बाद बिना हवा वाली जगह पर 3-4 दिन रखा जाता है. पैक किए आम कैल्शियम कार्बाइड को नमी के संपर्क में आने से एसिटिलीन गैस बनता है. इससे आम जल्द ही पाक जाते हैं और पेड़ में पकने का इंतेजार नहीं करना पड़ता है. इस तरह से तैयार किए गए आम को खाने से सेहत को काफी नुकसान होता है. इस कैमिकल आम की वजह से पेट में दर्द, डायरिया, उल्टी की शिकायत हो सकती है.