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रांची/डेस्क: गुजरात के राजकोट में प्रत्येक वर्ष आयोजित राष्ट्रकथा शिविर में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ शामिल हुए. यह शिविर 10 दिनों तक चलता है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 2 लाख से अधिक विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान, शोधार्थी, विद्यार्थी और शिक्षक शामिल होते हैं. प्राचीन भारतीय ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म की परिचर्चा के लिए आयोजित यह शिविर पिछले 25 वर्षों से आयोजित हो रहा है.
इस कार्यक्रम आज रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ शामिल हुए और सबसे संवाद किया. सेठ ने कहा कि राष्ट्र के इस महायज्ञ में शामिल होकर खुद को कृतार्थ महसूस कर रहा हूं. इसके आयोजक श्रद्धेय स्वामी धर्मबंधु जी के द्वारा विद्वानों के सानिध्य में आयोजित राष्ट्रकथा शिविर राष्ट्र के जागरण का बड़ा माध्यम है. जिसमें देश भर के लाखों विद्यार्थी और शिक्षक भाग लेते हैं. यह शिविर भारत के ऐतिहासिक गौरव का बोध कराने के उद्देश्य से आयोजित होता है, जहां ज्ञान-विज्ञान के साथ ही भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति पर विस्तृत परिचर्चा होती है.
उन्होंने इस परिचर्चा में सबसे आह्वान किया कि भारत पुनः विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित हो, इसके लिए हम साथ मिलकर काम करें. हमें सुपर पावर, सुपर इकोनामिक पावर, सुपर न्यूक्लियर पावर नहीं बनना है; हमें विश्वगुरु बनना है, जो दुनिया को मार्गदर्शन दे. हमें अहंकार के साथ नहीं जीना है, हमें विश्व बंधुत्व के भाव से दुनिया को मार्गदर्शन देना है. भारत के प्राचीन ज्ञान और विज्ञान का प्रसार दुनिया में हो, इसके लिए हमें काम करना है. विकसित भारत के लिए काम करना है.
रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि इस शिविर में हर वर्ग से उमड़ा समूह भारत का प्राचीन गौरव फिर से लौटाने को कृत संकल्पित है. स्वामी धर्मबंधु जी के मार्गदर्शन में यह संकल्प पूर्ण होगा. ज्ञान, विज्ञान, आध्यात्म; हर क्षेत्र में भारत दुनिया का मार्गदर्शक बनेगा और हम सब उसके वाहक बनेंगे. शिविर में केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बसंत बालाजी, प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सानयाल, रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बक्शी, केरल के विधायक सीजी राजगोपालाचारी की गरिमामय उपस्थिति रही.