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रांची/डेस्क: इंकलाबी नौजवान लेखक संघ ने नागपुरी भाषा के मुर्धन्य शिक्षक व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ डॉ राम प्रसाद के निधन पर शोक व्यक्त किया है. बता दें कि डॉ राम प्रसाद गोसनर कालेज के नागपुरी विभाग के विभागाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. वे नागपुरी भाषा से डीलिट करने वाले पहले व्यक्ति थे. वे पिछले कई वर्षों से गले के कैंसर से पीड़ित थे. 72 वर्षीय डॉ प्रसाद ने शनिवार सुबह 8.30 बजे अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार हरमू मुक्ति धाम में सम्पन्न हुआ.
संघ के सचिव ने डॉ प्रसाद के निधन को नागपुरी भाषा साहित्य जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति बताते हुए कहा कि वे अपनी विद्वता के लिये हमेशा हमारे बीच रहेंगे. यह झारखंडी भाषा के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. उन्होंने साहित्य की कई विधाओं में बेहतरीन रचनाएँ समाज दिये हैं. संघ के डॉ रीझु नायक एवं डॉ दिनेश कुमार दिनमणि ने कहा कि डॉ प्रसाद ने अपने साहित्य कर्म के द्वारा समाज को एक नयी दिशा देने का काम किया. खासकर के झारखंड की क्षेत्रीय भाषा नागपुरी को स्वतंत्र रूप से स्थापित करने का काम किया. उनके इस योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने बताया कि डॉ प्रसाद काफी मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे. वे हमेशा छात्रों, शोधकर्ताओं एवं नये लेखकों-रचनाकारों के लिये मार्गदर्शक अभिभावक के रूप में हमेशा खड़ा रहते थे. संघ के प्रवक्ता डॉ लालदीप गोप ने कहा कि डॉ गोस्वामी हमेशा हमारे प्रेरणास्रोत रहेंगे. उनकी उच्चकोटि की साहित्य रचना समाज व रचनाकारों को प्रेरित करती रहेगी.