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बोकारो/डेस्क: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बोकारो में माओवादी संगठनों से जुड़े मामलों में कार्रवाई तेज कर दी है. शनिवार को एनआईए की टीम ने जिले के चतरो चट्टी और आसपास के इलाकों में छापेमारी की. एनआईए के मुताबिक, जिनके ठिकानों पर छापेमारी हुई, वे माओवादी संगठनों को राशन और लेवी वसूलने में मदद कर रहे थे. यह कार्रवाई आरसी-01/2024 मामले से जुड़ी है. यह मामला माओवादियों द्वारा चतरो चट्टी के वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर किए गए हमले से संबंधित है. बताया जा रहा है कि माओवादियों ने सुंदर पहाड़ी क्षेत्र में साजिश रचने के लिए डेरा डाला था. सुरक्षाबलों की तलाशी के दौरान माओवादियों ने गोलीबारी की थी, जिसका जवाबी कार्रवाई में जवानों ने करारा जवाब दिया.
पिछली कार्रवाई में बरामद हुए थे आपत्तिजनक सामग्री:
सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई के बाद नक्सली भाग निकले थे. तलाशी अभियान में पुलिस को डिजिटल डिवाइस, नक्सली साहित्य और कई अन्य आपत्तिजनक सामग्री मिली थी. इसके आधार पर स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज किया था. जून 2024 में एनआईए ने इस केस को अपने हाथ में लेते हुए फिर से जांच शुरू की.
गोविंदपुर से बच्चा सिंह गिरफ्तार:
एनआईए ने इस दौरान गोविंदपुर निवासी बच्चा सिंह को गिरफ्तार किया है. बच्चा सिंह का नाम आरसी-03/2023 मामले में बतौर आरोपी दर्ज था. जांच में पता चला कि बच्चा सिंह मजदूर संगठन समिति का सचिव था, जो एक प्रतिबंधित संगठन है. वह माओवादी संगठन के विस्तार और धन संग्रह में सक्रिय भूमिका निभा रहा था. यह मामला मूल रूप से 2022 में चाईबासा में तीन माओवादियों की गिरफ्तारी के बाद दर्ज हुआ था. अगस्त 2023 में एनआईए ने इसे यूए (पी) एक्ट और सीएलए एक्ट के तहत अपने हाथ में लिया था.
निष्कर्ष:
एनआईए की इस कार्रवाई से माओवादियों के स्थानीय नेटवर्क पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है. जांच एजेंसी अब बरामद सामग्री और गिरफ्तार संदिग्धों से पूछताछ कर माओवादी संगठन के पूरे तंत्र को ध्वस्त करने की दिशा में काम कर रही है.