कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, कोयला उत्खनन के लिए हो रहे ब्लास्टिंग से स्कूल सहित बच्चे खतरे में
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड में एक ऐसा स्कूल भी है, जहां मास्टर साहब की पढ़ाई पर कम ब्लास्टिंग की आंशका पर बच्चों का ज्यादा लगा ध्यान रहता हैं. ब्लास्ट हुआ नहीं कि इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे पढ़ाई बीच में छोड़ जान बचाने को भाग दौड़ करने में लग जाते हैं. यह स्कूल जोरदाग गांव स्थित जोरदाग उत्क्रमित मध्य विद्यालय है, जिसमें कुल नामांकित बच्चों की संख्या 242 हैं. जहां विद्यालय से महज एक सौ मीटर की दूरी पर ही एनटीपीसी चट्टीबारियातु कोल माइंस हैं. इस माइंस में प्रतिदिन ब्लास्टिंग की जाती है और ब्लास्टिंग के वक्त विद्यालय के भवन में पूरी तरह कम्पन होने लग जाता हैं. ऐसे में बच्चे दहशत में कान बंद कर बाहर भागने लग जाते हैं. बच्चे प्रतिदिन डर के साए में अध्ययन करने विद्यालय आते हैं. जो स्थिति है, उसमें बच्चे की भविष्य व जीवन के साथ खिलवाड़ और इस समस्या के प्रति अनदेखी कभी भी बड़े हादसे का सब बन सकता हैं.
बच्चों ने बताया कि बलास्टिंग होने से हम सभी डर जाते है क्योंकि ऐसा लगने लगता है कि बिल्डिंग कभी भी गिर जाएगा. इस बाबत हजारीबाग डीएसई आकाश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि विद्यालय स्थानांतरण को लेकर एनटीपीसी अधिकारी को सूचित कर दिया गया है, अगर नही किया गया तो यह गलत है, इसकी जांच की जायेग. वहीं एनटीपीसी सीबी माइंस के जीएम नवीन गुप्ता को फोन कर संपर्क का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नही उठाया. दूसरी ओर इस समस्या पर विद्यालय के सचिव भुनेश्वर राम ने बताया कि चट्टी बारीयातु कोयला खनन परियोजना से स्कूल महज 100 मीटर की दूरी पर चल रहा है, जिससे जब भी हैवी बलास्टिंग होती है, बच्चे डर जाते हैं. कहा कि कुछ दिनों के अंदर स्कूल का स्थानांतरण नही हुआ तो बड़ी घटना घट सकती है.