प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: बरही विधानसभा चुनाव के परिणामों के लिए सभी की नजरें 23 नवंबर पर टिकी हुई हैं, जब मतगणना के बाद विजेता की घोषणा की जाएगी. 17 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच नजर आ रहा है. सपा के उम्मीदवार उमाशंकर अकेला इस बार भाजपा और कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं.
सपा बिगाड़ सकती है खेल :
बरही विधानसभा से कांग्रेस से टिकट न मिलने पर विधायक उमाशंकर अकेला ने सपा से चुनाव लड़ा है. जिसे लेकर कई अटकलें लगाई जा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अल्पसंख्यक, यादव, वैश्य और दलित समाज इस बार निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं. श्री अकेला को किस समाज का अत्यधिक वोट प्राप्त होता है इससे तय होगा कि बरही विधानसभा का अगला विधायक कौन होगा? यह भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए झटका साबित हो सकता है.
मतगणना कल से होगी शुरू :
चुनाव आयोग के अनुसार, मतगणना 23 नवंबर को सुबह 8 बजे से हजारीबाग बाजार समिति परिसर में शुरू होगी. बरही विधानसभा के लिए कुल 20 टेबल बनाए गए हैं, और मतगणना 20 राउंड में पूरी होगी. पूरी प्रक्रिया में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है ताकि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से परिणाम घोषित किए जा सकें.
उच्च मतदान प्रतिशत से कड़ी टक्कर का संकेत :
बरही विधानसभा में इस बार कुल 67.8 प्रतिशत मतदान हुआ, जो पिछले चुनाव की तुलना में अधिक है. उच्च मतदान प्रतिशत को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बदलाव का संकेत हो सकता है. मतदाताओं ने बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंचकर लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लिया.
राजनीतिक समीकरण :
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं और अपने पारंपरिक वोट बैंक पर भरोसा कर रहे हैं. सपा से उमाशंकर अकेला की एंट्री ने चुनावी गणित को जटिल बना दिया है.
किंगमेकर बन सकते हैं समाज के विशेष वर्ग :
इस बार अल्पसंख्यक, यादव, वैश्य और दलित समाज की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है. जिस पार्टी के पक्ष में यह जाता है, तो परिणाम उनके पक्ष में आ सकता हैं.
प्रत्याशियों और जनता में उत्सुकता :
चुनाव के परिणामों को लेकर प्रत्याशियों में उत्सुकता और बेचैनी साफ झलक रही है. सभी उम्मीदवार अपने-अपने तरीकों से समर्थकों के साथ संवाद कर रहे हैं और मतगणना के दिन का इंतजार कर रहे हैं.
कड़ी सुरक्षा के इंतजाम :
मतगणना स्थल पर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. मतगणना प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के लिए अधिकारियों ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं.
क्या कहता है बरही का राजनीतिक इतिहास ?
बरही विधानसभा क्षेत्र में पारंपरिक रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला होता रहा है. हालांकि, इस बार विधायक उमाशंकर अकेला को कांग्रेस से टिकट न मिलने पर सपा से उन्होंने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 23 नवंबर को जनता का फैसला किसके पक्ष में जाता है. बरही की जनता ने किस पर भरोसा जताया है, उसका भाग्य जल्द ही मतगणना के बाद सामने आएगा.