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रांची/डेस्क: इस साल अयोध्या में दिवाली का उत्सव ऐतिहासिक बन गया क्योंकि भगवान रामलला ने भव्य मंदिर में पहली बार दिवाली मनाई. भगवान राम की मूर्ति को इस खास अवसर पर पीले रेशमी वस्त्रों से सजाया गया, जिसमें सोने और चांदी के तारों से बनी कढ़ाई और वैष्णव प्रतीकों की विशेष सजावट थी. बालक राम के साथ उनके तीनों भाइयों को भी पीले वस्त्र पहनाए गए, जो धार्मिक दृष्टि से शुभ माने जाते हैं.
विशेष भोग
रामलला को अर्पित भोग भी विशेष था. मिठाई में अमेरिकी ब्लूबेरी, यूरोपियन हेज़लनट, मामरा बादाम और केसर का उपयोग कर इसे तैयार किया गया. इस भोग को तैयार करने में 12 घंटे लगे, जिसे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को अर्पित किया गया. मिठाई के ऊपर सोने का वर्क भी सजाया गया था, जो भोग की भव्यता को बढ़ाता हैं.
28 लाख दीयों से अयोध्या में नया रिकॉर्ड
राम मंदिर के उद्घाटन के बाद इस बार अयोध्या का दीपोत्सव विशेष था. उत्तर प्रदेश सरकार ने सरयू नदी के तट पर 28 लाख दीये जलाकर नया रिकॉर्ड कायम किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं और इसे सनातन धर्म परंपरा का एक महत्वपूर्ण उत्सव बताया. उन्होंने कहा कि यह दिवाली ऐतिहासिक है क्योंकि 500 साल के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्रीराम अपने धाम में विराजमान हुए हैं.
सीएम योगी का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दिवाली का यह त्योहार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन और रामराज्य की शुरुआत का प्रतीक हैं. उन्होंने कहा, “हजारों वर्षों से भारतभर में भक्त अपने घरों को दीपों की मालाओं से सजाकर भगवान श्रीराम के स्वागत और उनकी स्मृति में दिवाली मनाते आए हैं.”
अयोध्या में इस बार की दिवाली सिर्फ एक पर्व नहीं बल्कि ऐतिहासिक महत्व का उत्सव बन गया हैं. रामलला के धाम में विराजमान होने के बाद अयोध्या में दीपोत्सव ने नए आयाम स्थापित किए है, जो भव्यता और आस्था के साथ आने वाले वर्षों में भी प्रेरणा बनेगा.