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सिमडेगा/डेस्क: सुकन्या संस्था बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट से पारित आदेश एवं झालसा के निर्देशानुसार गठित जिलास्तरीय जांच दल के द्वारा मंडल कारा में मंगलवार का जांच अभियान चलाया गया. जांच दल में जिला विधिक सेवा प्राधिकार,जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को शामिल किया गया था.
इस संयुक्त जांच अभियान में प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला जज राजीव कुमार सिन्हा, एसपी सौरभ, प्राधिकार की सचिव मरियम हेमरोम, अपर समाहर्ता ज्ञानेंद्र, प्रभारी अनुमंडल पदाधिकारी प्रभात रंजन ज्ञानी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सूरजमणि कुमारी, महिला अधिकार कार्यकर्ता पुष्पा कुमारी, चीफ एलएडीसीएस प्रभात कुमार श्रीवास्तव आदि शामिल थे. जांच दल में शामिल अधिकारियों ने जांच के क्रम में सिमडेगा मंडल कारा में रह रहे प्रत्येक बंदियों से बातचीत की तथा उनसे जानकारी ली गई कि क्या उन लोगो के साथ जाति, धर्म या लिंग के आधार पर कारा में किसी तरह का कोई भेदभाव किया जाता है. साथ ही खान-पान एवं पढ़ाई लिखाई या इलाज में किसी तरह का कोई भेदभाव किया जाता है. इस पर सभी बंदियों ने बताया कि उनके साथ किसी तरह का कोई भी भेदभाव नहीं किया जाता है तथा वे सभी एक साथ भोजन करते हैं तथा अध्ययन कक्ष में भी एक साथ पढ़ाई करते हैं.
इसके बाद पीडीजे,एसपी व अन्य अधिकारियों ने मंडल कारा के बंदी पुस्तिका का भी अवलोकन किया तथा पाया कि इस बंदी पुस्तिका में भी बंदियों के जाति से संबंधित कोई कॉलम नहीं है और न ही जेल प्रशासन द्वारा बंदी पुस्तिका में किसी भी बंदी का जाति धर्म उल्लेखित है. वकील के विषय में बंदियों ने बताया कि सभी का अपना-अपना वकील है. उन्होंने यह भी बताया की डालसा के विजिटर अधिवक्ता नियमित रूप से जेल आते हैं और बंदियो से मुलाकात कर उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करते हैं.