प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्कः उपायुक्त नैंसी सहाय के आदेशानुसार चौपारण प्रखण्ड में संचालित दर्जनों अवैध अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों में जांच अभियान चलाया गया. अभियान के तहत अंचलाधिकारी सह प्रभारी सीडीपीओ संजय कुमार यादव के नेतृत्व में प्रखंड चिकित्सा प्रभारी डॉ भुनेश्वर गोप के द्वारा दो क्लिनिक सह अल्ट्रासाउंड संचालन केंद्र में छापेमारी की गई. जांचोपरांत बताया गया कि शुरुआती जांच में मां सेवा सदन का वैध संचालन संदेह के घेरे में प्रतीत होता है. जांच टीम पहुंचते ही संचालक फरार हो गया. क्लिनिक में एक महिला भर्ती थी जिसका ऑपरेशन किया था.
अब सवाल ये उठता है कि आखिर इतने दिनों से चौपारण में दर्जन भर अल्ट्रासाउंड किसके संरक्षण में चल रहा है और जांच के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति किया जा रहा है. एक अल्ट्रासाउंड संचालक ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि सभी अल्ट्रासाउंड संचालक के द्वारा महीने की बंधी बधाई राशि चौपारण सीएचसी के सम्बन्धित पदाधिकारी के नाम पर पहुंचाया जाता है, जिससे बेखौफ होकर अल्ट्रासाउंड सेंटर चलाया जाता है. कभी जांच का आदेश आता भी है, तो हमलोग को पहले ही सूचना मिल जाती है. सूत्रों से यह भी पता चला है कि अस्पताल से ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा जाता है. जिसमे एएनएम, सहिया व सहिया साथी की अहम भूमिका रहती है.
बताया गया कि हर अल्ट्रासाउंड पर कमीशन के तौर पर दो से तीन सौ रुपये तक दिया जाता है और दवा लेने पर अलग से जो जितना अधिक दवा खरीदवा सके, उसी हिसाब से कमिशन मिलता है. बता दें कि चौपारण के सरकारी अस्पताल के इर्द गिर्द से लेकर पाण्डेयबारा तक कई क्लीनिक अवैध तरीके से संचालित है. जहां भ्रूण जांच की शिकायत अक्सर प्रकाश में आते रहता है.