अरुण कुमार यादव/न्यूज़11 भारत
गढ़वा/डेस्क: झारखण्ड का गढ़वा जिला जो कभी नक्सलियों के चुंगल मे जकड़ा हुआ था. आज नक्सल लगभग ना के बराबर है वर्ष 2022 मे ज़ब से बुढ़ा पहाड़ नक्सलियों के चुंगल से आजाद हुआ तब से नक्सल गतिविधि कम हुआ है जिसका एक श्रेय खेल भी है. इन क्षेत्रो मे सामुदायिक पुलिसिंग के तहत फुटबॉल प्रतियोगिता कराकर युवाओं को पुलिस ने अपने साथ क्या जोड़ा नक्सल गतिविधि कमजोर हो गई. अब फिर पुलिस ने सामुदायिक पुलिसिंग स्टार्ट किया फिर से युवाओं को अपने साथ जोड़कर कर उन्हें पुलिस के कार्यशैली की जानकारी दी जा रही है.
गढ़वा फुटबॉल स्टेडियम मे आज से सामुदायिक पुलिसिंग के तहत जिले के सभी थाना क्षेत्रो कुल 21 टीम के साथ फुटबॉल टूर्नामेंट का शुरुआत किया गया. सभी खिलाड़ी दूर दराज क्षेत्र से खिलाड़ियों के वेशभुसा मे जुटे और फुटबॉल को किक कर शुरुआत किया. मौके पर मुख्य अतिथि के रूप मे पहुचे डीसी और एसपी ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और फुटबॉल मे किक कर खेल की शुरुआत की. सभी खिलाड़ियों को पुलिस ने उनके कार्यशैली के बारे मे बताया. जिसमे साइबर क्राइम,सड़क सुरक्षा,नक्सल गतिविधि,पुलिस भर्ती के बारे मे जानकरी दिया. मौके पर डीसी ने कहा की पुलिसींग का मतलब ही है लोगो के करीब जाना इस तरह के खेल आयोजन कर पुलिस लोगो के करीब पहुंच रही है और जो खिलाड़ी अलग अलग थानो से आये है एक दूसरे को जानना पहचानना भी इसका एक उदेश्य है.
पुलिस अधीक्षक दीपक पाण्डेय ने कहा की सामुदायिक पुलिसिंग के तहत फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है जिसमे सभी थानो के टीम के अलावा चार महिला की भी टीम है. इसका उदेश्य है लोगो को जागरूक करें साइबर क्राइम,सड़क सुरक्षा,महिला सुरक्षा,फ्रॉड कॉल जैसे होने वाले अपराधों को कैसे रोका जाए खिलाड़ियों के माध्यम से सभी लोगो को जागरूक करने का कार्य किया जाए.