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रांची/डेस्कः बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों की प्रवेश कक्षा के 25 प्रतिशत सीट पर नामांकन बीपीएल श्रेणी वाले छात्रों के लिए रिजर्व रहता है. बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कक्षा की स्ट्रेंथ का 25 प्रतिशत नामांकन बीपीएल (BPL) श्रेणी के छात्रों का करना होता है. इसका भुगतान सरकार के तरफ से किया जाता है. स्कूल को प्रति स्टूडेंट एक वर्ष के लिए 5100 रुपये शिक्षण शुल्क के रूप में दिया जाता है. कक्षा एक से आठ तक के छात्रों के शिक्षण शुल्क का 60 फीसदी राशि केंद्र और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है. वहीं, कक्षा एक से नीचे के छात्रों का शत-प्रतिशत शुल्क राज्य सरकार भुगतान करती है.
राजधानी रांची के कई बड़े और नामी स्कूल RTE पॉलिसी का उल्लंघन कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, जिले के 120 स्कूलों में बीपीएल (BPL) श्रेणी के छात्रों के लिए 1250 सीट मौजूद है. पर जुलाई माह तक सिर्फ 650 एडमिशन ही हुए हैं. राजधानी के नामी स्कूल में से एक ब्रिडफोर्ड, कैराली स्कूल, संत जेवियर स्कूल, प्रभात तारा स्कूल समेत 40 से ज्यादा स्कूलों ने बीपीएल छात्रों को एडमिशन नहीं दिया है. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में बीपीएल श्रेणी में एडमिशन कम होते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के लोग बड़े स्कूल में एडमिशन करवाना चाहते हैं.