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रांची/डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में अबतक 28 लोगों की मौत हो गई हैं और दर्जन भर से ज्यादा घायल हैं. वहीं आतंकी हमले के तार पाकिस्तान से जुडते नजर आ रहे हैं. भारत की खुफिया एजेंसियों के अनुसार हमले के संदिग्ध आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची स्थित सेफ हाउस तक मिल रहे हैं.
आतंकियों को बाहर से लॉजिस्टिक सपोर्ट और सहयोग प्राप्त था
खुफिया सूत्रों ने हमले में बचे लोगों और घटनास्थल से बरामद फॉरेंसिक एनालिसिस से मिले इनपुट के आधार पर बताया कि आतंकियों ने सेना के लिए इस्तेमाल होने वाले हथियारों का इस्तेमाल किया. जिससे ये साफ हो गया कि हमला करने वाले आतंकियों को ट्रेनिंग प्राप्त थी. सुरक्षा एजेंसियों को घटनास्थल के पास से एडवांस संचार उपकरण मिले हैं, जिससे ये संकेत मिलता है कि हमला करने वाले आतंकियों बाहर से लॉजिस्टिक सपोर्ट और सहयोग प्राप्त था. भारत की खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि हमलावर पाकिस्तान में बैठे ऑपरेटिव के साथ सीधा संपर्क में थे.
3-4 आतंकवादी एके 47 से लगातार फायरिंग की
सुरक्षा अधिकारियों ने भी ये पुष्टि की है कि हथियारों के प्रकृति से साफ पता चलता है कि आतंकी प्रशिक्षित संचालक से सैन्य सहायता ली हुई है. एजेंसियों के मुताबिक आंतंकवादी पूरी तैयारी के साथ हमले के लिए आए थे, वे अपने पीठ पर बैग टांगे थे जिसमें उसने सुखे मेवे, दवाई व कुछ उपकरण भी मौजूद थे. बताया जा रहा है कि 5 से 6 विदेशी आतंकवादी का समुह जंगलों में छिपा था औऱ स्थानीय लोगों के मदद से पहलगाम का रेकी कर रहा था. मौका देखकर दहशतगर्दों ने हमला शुरु कर दिया. एजेसिंयों का दावा है कि 3-4 आतंकवादी एके 47 से लगातार फायरिंग की. जिसमें से 2 पश्तो आतंकवादी पश्तो भाषा बोल रहे थे. ये दो आतंकी बिजभेरा व त्राल के थे.
इसके पीछे आईएसआई का हाथ
पाकिस्तानी आतंकी बॉडी कैमरा पहन कर सबकुछ रिकार्ड किया. कहा जा रहा है कि ये हमला 26 11 के मुंबई आतंकी हमले के तर्ज पर किया गया है. इस हमले के पीछे जम्मु के अर्थव्यवस्था का निशाना बैठाना था और इसके पीछे आईएसआईएसआई का हाथ बताया जा रहा है. जांच में शामिल एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि यह सिर्फ एक अलग अलग आतंकी हमला घटना नही है. हमलावर को सीमापार से एक प्रापर गाईडेंस के साथ सपोर्ट दिया गया. बताया जा रहा है कि उनका सिर्फ एक ही मकसद था अशांति फैलाना व अस्थिरता पैदा करना.
गृहमंत्री के द्वारा इस घटना पर कड़ी नजर रखा जा रहा है. संवेदनशील हिस्से पर अतिरिक्त सैन्य सुरक्षा भी तैयार की गई है. इस सप्ताह के भीतर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक भी बुलाई जाने की उम्मीद है.
पाकिस्तान ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा..
पहलगाम अटैक के बाद पाकिस्तान की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आ गई है, इस घटना से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि इससे कोई लेना देना नहीं है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि पहलगाम के इस आतंकी हमले में पाकिस्तान का किसी तरह का कोई लिंक नहीं है. उनका कहना है कि पाकिस्तान इस तरह के आतंकी हमले का निंदा करता है. उन्होने कहा कि उसका इस तरह का घटन से कोई ताल्लुकात नहीं है.