केसरीनाथ यादव/न्यूज11 भारत
दुमका/डेस्क: मसलिया प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों अजीबोग़रीब मामला प्रखंड में आ रही है. मानो सदियों से पानी की आस में प्यासे गंगोत्री तट पर बैठे है, फिर भी उनका कंठ सूखा है. मामला प्रखंड क्षेत्र के रांगा पंचायत के महिषापाथर गांव से आ रही है. यहा निवास करने वाले चौदह परिवार के लगभग अस्सी सदस्य इन दिनों बिजली,पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. यहा ताज्जुक की बात यह है कि प्रखंड कार्यालय से आठ सौ मीटर व थाना से पांच सौ मीटर,बिजली सबस्टेशन और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मसलिया से महज एक किलोमीटर दूर स्थित है.
ग्रामीण महिषापाथरा परिमल राय,भूपति राय, लखपति राय, रामेश्वर राय ,अमृत राय, धनेश्वर राय, सीपोती राय, धीरेंद्र राय, तुलसी देवी ,कौशल्या देवी, संध्या देवी, सुधा देवी ,निशा देवी आदि ने बताया की हमारी समस्याओं को सुनने वाले कोई नहीं है. पगडंडी से हुते हुए चुनाव के समय कुछ राजनीतिक दल के कार्यकर्ता ही आते हैं. रात में कोई घटना हो जाने के बाद पुलिस तक नही आती है. आजतक कोई प्रशासनिक अधिकारी नही आये है. क्योंकि महिषापाथर गांव आने के लिए पैदल पगडंडी से होते हुए आना पड़ेगा.
गांव के मुहाने स्थित एक दस केवी का ट्रांसफार्मर बिजली विभाग की ओर से लगवाई गई है लेकिन आधी आबादी के घरों में बिजली नही जल रही है. जिन घरों में बिजली जलती है उसके लिए पहले ट्रांसफार्मर में बांस से मारने के पश्चात ही गांवो में बिजली जलती है. सड़क विहीन यह टोला वर्षा काल में टापू में तब्दील होकर रह जाती है. गांव से बाजार जाने के लिए जंगल झाड़ी, नहर आदि लगभग तीन सौ मीटर पखडंडी को पर करने के बाद दुमाक नाला सड़क मिलती है. बर्षा काल मे यहा के लोग महीना भर के राशन व अन्य रोजमर्रा की समान एक बार मे लगते है. सड़क नही रहने से अस्सी प्रतिशत बच्चे पढ़ाई छोड़ दिये हैं.
गांव में चापानल खारब और जलमीनार नही रहने से पुरखों की बनाई जर्जर कूप की अशुद्ध पानी से प्यास बुझाने को विवश है ग्रामीण. जिससे आये दिन कोई न कोई बीमार पड़ रहे हैं. सरकार की ओर से प्रतेक घरों तक शुद्ध पेयजल पहुचाने के लिए पानी की तरह पैसा खर्च कर रही है. उक्त ग्रामीणों सरकार से बिजली,पानी,सड़क जैसे मूलभूत सुविधाओं की मांग किया है. इस संबंध में बीडीओ अजफर हसनैन से पूछे जाने पर बताया कि इसकी जानकारी नही है. जरूरत पड़ी तो स्वयं जाऊँगा. यदि इस प्रकार की समस्या है तो मंगलवार को लगाने वाली साप्ताहिक जानता दरबार में ग्रामीण आवेदन दे निश्चित रूप से समाधान किया जाएगा.