न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजनीतिक पार्टियां मीडिया में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में लग गयी है, ताकि चुनाव के समय जनता के जेहन में उनकी छाप बनी रहे और इसका लाभ चुनाव में मिले. मॉनसून सत्र में इसकी झलक देखने को मिल रही है. बीजेपी ने सत्ता पक्षा को घेरने के लिये सदन के बाहर से लेकर सदन के अंदर तक चक्रव्यूह की रचना कर दी है. सदन के बाहर और अंदर बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया गया. मॉनसून सत्र में बीजेपी ने 15 सवालों को लेकर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की है. इसमें ज्यादातर सवाल राज्य में अनुबंध पर काम कर रहे कर्मियों के स्थायीकरण से संबंधित है, ताकि बीजेपी उन अनुबंधकर्मियों के बीच यह संदेश पहुंचा सके कि पार्टी उनकी हितैषी है और इसका लाभ बीजेपी को चुनाव के समय मिले.
साथ ही कई घोटालों की जांच सीबीआई से कराने की मांग बीजेपी कर रही है, ताकि जनता के बीच संदेश जाये कि वर्तमान झारखंड सरकार के समय में घोटाला हुआ है. बीजेपी ने 15 सवालों के जवाब को लेकर सत्ता पक्ष पर सदन के अंदर दबाव बनाया. वे लोग वेल के पास आकर धरना पर बैठ गये. इस बीच विधानसभा के चौथे दिन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया. लेकिन बीजेपी और आजसू के विधायक सदन के अंदर वेल में धरना देते रहे. उनकी एक ही मांग रही कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके सवालों का जवाब दें.
इस संबंध में निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि इस तरह की घटना अविभाजित बिहार के समय कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में बिहार विधानसभा में हुई थी. लेकिन झारखंड में बीजेपी ने अपने सवाल तो उठाये लेकिन सत्ता पक्ष को जवाब देने का मौका नहीं दिया गया. वहीं सत्ता पक्ष ने इस पूरे मामले को सियासी नौटंकी बताया है. हालांकि, सत्ता पक्ष की ओर से जो 15 सवाल उठाये गये हैं. उनमें से ज्यादातर मामले एक दशक से ज्यादा पुराने हैं और अनुबंधकर्मी इन मांगों को लेकर बीजेपी के शासनकाल में भी धरना प्रदर्शन करते रहे हैं. लेकिन उनलोगों की मांगों का निदान किसी भी सरकार के कार्यकाल में नहीं हो पाया है. अनुबंध से स्थायी करने को लेकर सरकार को कई विधायी सलाह से लेकर पॉलिसी में भी बदलाव करने होंगे. वहीं आज गुरुवार को स्पीकर ने भाजपा के 18 विधायकों को निलंबित कर दिया है.