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रांची/डेस्क: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 6 महीने की गर्भवती महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई. महिला के ससुरालवालों ने उसकी बिगड़ती सेहत को चिकित्सा समस्या समझने के बजाय, उसे भूत-प्रेत के साए से जोड़ दिया और तांत्रिक के पास ले गए. तांत्रिक ने महिला पर भूत-प्रेत का साया होने का दावा करते हुए उसे कई दिनों तक यातनाएं दीं, जिससे उसकी हालत और खराब हो गई और अंततः उसकी जान चली गई.
भूत-प्रेत के साए का तांत्रिक का दावा
महिला के गर्भवती होने के बाद से उसकी सेहत में कई बदलाव देखने को मिले, जिसमें अचानक दौरे पड़ना भी शामिल था. ससुरालवालों ने इस समस्या को चिकित्सा सहायता से जोड़ने के बजाय तांत्रिक का सहारा लिया. तांत्रिक ने यह दावा किया कि महिला पर एक भयानक भूत का साया है, जिसे दूर करने के लिए उसने अमानवीय उपाय अपनाए. तांत्रिक ने महिला के पेट पर लोहे की जंजीर बांधी और उसे बिना भोजन-पानी के 6 दिनों तक रखा.
महिला की हालत बिगड़ी, मौत हुई
लगातार टॉर्चर के बाद गर्भवती महिला की हालत इतनी बिगड़ गई कि उसे उसके ससुरालवाले मायके छोड़कर चले गए. महिला के मायके पहुंचते ही उसकी हालत गंभीर देख उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच की. रिपोर्ट में सामने आया कि महिला का हीमोग्लोबिन स्तर खतरनाक रूप से गिरकर 7 पर पहुंच चुका था. डॉक्टरों ने कहा कि यदि समय पर चिकित्सा सहायता दी जाती तो महिला की जान बचाई जा सकती थी. जिसके कारण इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
टॉर्चर और अंधविश्वास के चलते जान गई
यह घटना एक बार फिर समाज में फैले अंधविश्वास और तांत्रिकों की मनमानी का घिनौना रूप सामने लाती हैं. जहां चिकित्सा सहायता के अभाव में एक गर्भवती महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी. प्रशासन से उम्मीद है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और लोगों को जागरूक किया जाएगा ताकि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हो.
प्रशासन और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद इलाके में प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने अंधविश्वास के खिलाफ कड़ा संदेश देने की मांग की हैं. ऐसे मामलों में कानून के सख्त प्रावधानों का पालन कर तांत्रिकों पर कड़ी कार्रवाई की जाने की अपील की जा रही हैं.