सुरेन्द्र कुमार/न्यूज़11भारत
सिसई/डेस्क: प्रखंड बचाओ संघर्ष समिति सिसई के बैनर तले रामचरित्र सिंह के अध्यक्षता में भ्रष्टाचार को लेकर, जन आक्रोश रैली निकला गया. सिसई बाजार ढांड से निकल कर,थाना रोड एवं मेन रोड होते हुए, ब्लॉक परिसर में आकर आकर सभा में तब्दील हो गया. इस सभा में भ्रष्टाचार से त्रस्त हजारों की संख्या में प्रखंड वासियों सहित कई गण मान्य लोगों की उपस्थित देखा गया.
सभा को संबोधित करते हुए प्रखंड बचाओ संघर्ष समिति सिसई के संयोजक श्री संजय वर्मा ने कहा,कि सिसई प्रखंड के अधिकारी हर प्रकार के सरकारी कामों पर, आम जनों से पैसा लूटने का काम कर रही है. आए दिन कई बड़े-बड़े घटनाएं देखने को मिल रहा है. जमीन ऑनलाइन सुधार, भू-धारण, दाखिल खारिज के लिए,जमकर रुपए से लिया जाता है.साथ ही जाति,आय व आवासीय प्रमाण पत्र बनाने के लिए,अवैध पैसे का वसूली किया जाता है. अब प्रखंड के अफसर बालू बेचने से लेकर जंगल जमीन को भी बेचने का काम कर रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण प्रखंड कार्यालय के सामने 39 यूके लिप्टस के पेड़ में से आठ पेड़ काटने का अनुमति मिला हुआ था. बदले में कुल 33 पेड़ काट लिए गए. लकड़ी माफियाओं के ऊपर एफआईआर दर्ज हुआ है,पर 16 दिन बीत जाने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. लकड़ी माफिया बैकॉफ होकर खुलेआम घूम रहा है. एफआईआर केवल दिखावे के लिए हुआ है. असली दोषी अफसर अंचल अधिकारी है,लेकिन अंचल अधिकारी के ऊपर अभी तक कोई एफ.आई.आर.दर्ज नहीं होना चिंता का विषय है. इससे स्पष्ट होता है,कि नीचे से लेकर ऊपर तक, एमपी- एमएलए तक मिले हुए हैं.जिसको लेकर सिसई प्रखंड वासियों में जन आक्रोश फैल गया है. प्रखंड कार्यालय के सामने,शिव मंदिर के पास 5 घंटा तक, रांची- गुमला मुख्य मार्ग को जाम कर दोषियों पर, कार्रवाई करने की मांग पत्र डीसी को सौप गया था.इसके बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं किया गया है.
नियम कायदे को ताक में रखकर यूकेलिप्टस के जिंदा पेड़ को लकड़ी माफियाओं के द्वारा काट दिया गया और प्रशासन सो रहा है. इस बारे में अंचलाधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया,कि कई ग्रामीणों के द्वारा पेड़ को हटाए जाने के मांग की गई थी.जिसके आधार पर डीएफओ गुमला को पत्र लिखा गया था और 39 पेड़ काटने की अनुमति मांगी गई थी. लेकिन डीएफओ गुमला के द्वारा 8 पेड़ को काटने का परमिशन दिया था. जिसके बाद अंचल कार्यालय के द्वारा डाक कर, शाहबाज अंसारी उर्फ राजा को 2 लाख रुपए में आठ पेड़ काटने की अनुमति दी गई. लेकिन सड़क के किनारे एक ओर से 33 से ज्यादा पेड़ काट दिए गए. जिससे घंटो नेशनल हाईवे में आवागमन भी बाधित हुआ था.
इस बारे में जब अंचलाधिकारी नितेश खालखो से बात की गई,तो उन्होंने कहा कि अगर 8 से ज्यादा पेड़ काटे जाते हैं, तो काटने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होगी और उन्हें जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजने की बात कही गई थी. हालांकि एफआईआर दर्द होने के 16 दिन बाद भी आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया. जिसमें प्रशासन की भूमिका भी संदीग्ध मानी जा रही है.
आजसू के प्रखंड अध्यक्ष श्रीकांत गिरी ने कहा,कि प्रशासन के द्वारा गलत तरीके से डाक करके,औने -पौने दाम में करोड रुपए बाजार मूल्य के विशाल विशाल पेड़ों को बेच दिया गया,जो की पूरी तरह से प्रशासन के मिली भगत को दर्शाता है और डाक की प्रक्रिया भी गोपनीय तरीके से बिना किसी सूचना के की गई. इस घटना में अंचल अधिकारी मुख्य दोषी हैं. इसके बावजूद अंचल अधिकारी नितेश रोशन खलखो के ऊपर एफआईआर दर्ज नहीं होना चिंता का विषय है. इससे स्पष्ट होता है,कि नीचे से लेकर ऊपर तक इन लकड़ी मुखियाओं को संरक्षण प्राप्त है.
लेकिन सिसई प्रखंड वासी अब चुप नहीं बैठने वाले हैं. इन भ्रष्ट अफसर के खिलाफ10 सितंबर को सिसई ब्लॉक को घेरा कर राज्यपाल के नाम से ज्ञापन सौंपा जा गया. एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई नहीं होती है,तो सिसई प्रखंड को अनिश्चितकालीन बंद रखा जाएगा और प्रखंड कार्यालय को ताला लगाने का काम करेंगे. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी आम जनों से इस कार्यक्रम में भाग लेने का अनुरोध किया है.
इस बैठक की अध्यक्षता रामचरित्र सिंह ने कहा,कि अफसर शाही राज्य नहीं चलेगा. अंचल अधिकारी होश में आओ का नारा लगाते हुए, जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, कि यहां के अफसर अब स्थानीय रिपोर्टर को भी धमकाने का काम कर रही है. यह कतई सहन नहीं किया जाएगा. सच्चाई को दिखाना कोई गलत नहीं है, प्रेस रिपोर्टर जानता की नाक कान और आंख होती है. इनको धमकाना बंद करें, नहीं तो यहां की जनता अफसर को खदेड़ना भी जानती है.
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित अध्यक्ष रामचरित्र सिंह, उपाध्यक्ष अजय सिंह, समाजसेवी संजय वर्मा, अरुण नारायण सिंह, भैरव सिंह खरवार,राजकुमार पौराणिक, रामनारायण दास, दीपक सिंह, राजू सिंह, मोनू उरांव, रवि साहू, शिवचरण दास, सुखदेव महतो, विनोदानंद पाठक, मनोज कुमार चौधरी, मुकेश ताम्रकार, अनिल कुमार यादव, सोमेश्वर उरांव, राजू उरांव, बजरंग बड़ाईक, राजू तत्वा, मनु उरांव, पवन बड़ाईक, मदन साहू, सुरेंद्र साहू, राधे कुमार, सूरज कुमार, अनिल बड़ाइक, संजय गोप, कृष्ण गोप, वीरेंद्र केवट, जितेंद्र उरांव, अंगनू उराव, श्रीकांत गिरी, प्रमोद सिंह, संजय पहान, विश्वजीत कुमार, विशाल चायवाला , लुंदरू पहन, गुंटूर उरांव,जानकी देवी पूर्णिमा देवी, किशोरी देवी, फूलमानी देवी,सहित काफी संख्या में प्रखंड वासी सम्मिलित हुए थे.