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रांची/डेस्क: किसान आंदोलन को लेकर वर्ष 2021 में कांके थाना में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने को लेकर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश की क्वैशिंग याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई. मामले में हाई कोर्ट ने दीपक प्रकाश के खिलाफ कांके थाने में दर्ज प्राथमिकी एवं उनके खिलाफ एमपी/ एमएलए कोर्ट में चल रही कार्रवाई को निरस्त कर दिया. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राहुल कुमार ने कोर्ट को बताया कि द्वेषपूर्ण तरीके से दीपक प्रकाश के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया कराया गया है. किसानों के हितों को लेकर किए गए आंदोलन को लेकर जो प्राथमिकी दर्ज की गई है उसमें कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है.
हाइकोर्ट द्वारा दीपक प्रकाश के खिलाफ कांके थाने में दर्ज प्राथमिकी एवं उनके खिलाफ एमपी/ एमएलए कोर्ट में चल रही कार्यवाही को निरस्त किये जाने पर दीपक प्रकाश ने खुशी का इजहार करते हुए कहा, "सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता है. हां कुछ देर परेशान जरूर हो सकता है. 2021 में हेमंत सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ भाजपा द्वारा जोरदार आंदोलन करने से बौखलाई इस सरकार ने मेरे ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया था. लेकिन मुझे न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास था की न्याय जरूर मिलेगा. आज वही हुआ माननीय न्यायालय द्वारा फर्जी मुकदमे को निरस्त कर दिया गया."उन्होंने आगे कहा कि भाजपा संघर्ष और आंदोलन से उपजी हुई पार्टी है,ऐसी सरकार की फर्जी मुकदमे से डरने वाली नहीं है. भाजपा झारखंड के लिए लड़ी है और जनता के साथ सदैव खड़ी रहती है.