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रांची/डेस्क: रतन टाटा के निधन के बाद से उनकी प्रॉपर्टी और वसीयत का खुलासा हो गया है. जिसके बाद से वसीयत की काफी चर्चा हो रही है. लोगों के बीच ये चर्चा हो रही थी कि उनकी संपत्ति का मालिक आखिर कौन होगा. हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 7,900 करोड़ रुपये थी. उनके पास टाटा संस में करीब 0.83% हिस्सेदारी थी. उनकी अन्य संपत्ति को जोड़ लिया जाए तो रतन टाटा के नाम अनुमानित कुल 10,000 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी थी. उनकी वसीयत पर अमल करने का जिम्मा रतन टाटा की सौतेली बहनों शिरीन और डायना जेजीभॉय, वकील दारायस खंबाटा और उनके करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री को दिया गया है. हालांकि, उनकी वसीयत के सभी बिन्दु सार्वजनिक नहीं हुआ है. पर इतना जरूर है कि उनकी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा चैरिटी के तहत रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को दान किया जाएगा. रतन टाटा की वसीयत में उनके सहायक, सुब्बैया के अलावा शांतनु नायडू का भी जिक्र है.
पेट डॉग को क्या मिला ?
रतन टाटा की वसीयत का खुलासा होते हि कई बेहद चौंकाने वाले नाम सामने आए हैं. उनकी वसीयत में उनके पेट डॉग टीटो (Tito) का नाम भी शामिल है. अपनी वसीयत में रतन टाटा ने अपने प्रिय डॉग जर्मन शेफर्ड टीटो की आजीवन देखभाल सुनिश्चित की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टीटो, टाटा के लंबे समय के रसोइये राजन शॉ की देखभाल में रहेगा. रतन टाटा का जानवरों के प्रति प्रेम की कहानी वर्ष 2018 में मशहूर हुई थी जब किंग चार्ल्स III से शाही सम्मान पाने के बजे उन्होंने अपने बीमार कुत्ते के पास रहना प्रेफर किया था. उन्हें बकिंघम पैलेस में तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स (Prince of Wales) से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिलना था. टाटा के करीबी मित्र व्यवसायी सुहेल सेठ ने बताया कि रतन टाटा एक समारोह में भाग लेने के लिए पूरी तरह तैयार थे, लेकिन समारोह से कुछ दिन पहले उनके कुत्ते टैंगो या टीटो की तबियत खराब हो गई. सेठ ने बताया कि जब उन्होंने टाटा का कॉल रिसीव किया, तो टाटा ने कहा, "मैं उसे छोड़कर नहीं आ सकता." सेठ के कहने के बावजूद, टाटा ने अपनी यात्रा रद्द कर दी. रतन टाटा ने अपने पालतू कुत्ते टीटो की आजीवन देखभाल की व्यवस्था की है. वसीयत में कहा गया है कि शॉ टीटो की देखभाल करते रहेंगे.
कितनी है रतन टाटा की संपत्ति ?
रतन टाटा की कुल संपत्ति का अनुमान 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है. उन्होंने अपनी संपत्ति का एक हिस्सा अपने फाउंडेशन, भाई जिमी टाटा, सौतेली बहनों शिरीन और डीनना जीजीभॉय, घरेलू स्टाफ और अन्य को दिया है. रतन टाटा के पास अलीबाग में 2000 वर्ग फुट का समुद्र किनारे बंगला, मुंबई के जुहू तारा रोड पर 2 मंजिला घर, 350 करोड़ रुपये से अधिक की फिक्स्ड डिपॉज़िट और टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 0.83% हिस्सेदारी है. यह सब रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन को सौंपा जाएगा. रतन टाटा के निधन के बाद उनकी संपत्ति और वसीयत के बारे में चर्चा तेज हो गई. अगस्त में जारी हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, टाटा के पास टाटा संस में लगभग 0.83% हिस्सेदारी थी और उनकी कुल संपत्ति 7,900 करोड़ रुपये थी, जबकि अन्य संपत्तियों को मिलाकर यह 10,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंचती है.
RTEF को दिया जाएगा संपत्ति का बड़ा हिस्सा
रतन टाटा की वसीयत का पालन उनकी सौतेली बहनों शिरीन और डायना जीजीभॉय, वकील दारायस खंबाटा और करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री करेंगे. रिपोर्ट के अनुसार, उनकी वसीयत में चैरिटी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को बड़ा हिस्सा दिया जाएगा. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन फाउंडेशन का संचालन करेंगे, जिससे टाटा का सामाजिक कल्याण का दृष्टिकोण जारी रहेगा. वसीयत के अनुसार, फाउंडेशन को आरएनटी एसोसिएट्स और RNT एडवाइजर्स के जरिए स्टार्टअप निवेश से भी लाभ होगा, जो उसकी चैरिटी पहलों को बढ़ावा देगा. रतन टाटा का कोलाबा निवास और ताज वेलिंगटन म्यूज़ में रखे 20-30 लग्जरी कारों का संग्रह अभी आवंटित नहीं किया गया है. उनके अलीबाग बीच बंगले और जुहू तारा रोड स्थित मुंबई के निवास का भी निर्णय अभी बाकी है.
वसीयत में घरेलू स्टाफ का ध्यान, शांतनू नायडू को राहत
रतन टाटा की वसीयत में रसोइया राजन शॉ और बटलर सुब्बियाह जैसे वफादार कर्मचारियों का भी ध्यान रखा गया है. वहीं रतन टाटा के कार्यकारी सहायक शांतनू नायडू को भी वसीयत का हिस्सा बनाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा ने नायडू के लिए लिए गए पर्सनल लोन को माफ कर दिया है और उनके व्यवसाय गुडफेलो में हिस्सेदारी छोड़ दी है.