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रांची/डेस्कः पूरी के जगन्नाथपुर मंदिर के तर्ज पर रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथपुर मंदिर में भी रथ यात्रा का आयोजन होगा. इसको लेकर तैयारी की जारी है. बता दें कि रथ यात्रा के दौरान 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ मौसीबाड़ी जाएंगे. इस रथ का निर्माण महावीर लोहरा अपने परिवार के साथ करते हैं. महावीर लोहरा के पूर्वज पीढ़ी दर पीढ़ी यह काम करते आ रहे हैं. रथ यात्रा के लिए भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथों का निर्माण होता है. यात्रा में सबसे आगे भगवान बलभद्र, बीच में बहन सुभद्रा और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ निकलता है.
क्यों होती है जगन्नाथ रथ यात्रा?
ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र को उनके गर्भगृह से बाहर लाया जाता है. इसके बाद उन्हें स्नान कराया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें बुखार चढ़ जाता है. इस कारण भगवान जगन्नाथ 15 दिनों तक शयन कक्ष में विश्राम करने जाते हैं. इस दौरान पुरी मंदिर 15 दिनों के लिए बंद रहता है. हालांकि, भक्तों को दर्शन की अनुमति होती है. इसके बाद आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भगवान जगन्नाथ स्वस्थ होकर अपने विश्राम कक्ष से बाहर आते हैं. इसी खुशी में भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है.