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रांची/डेस्कः- नीट को लेकर प्रत्येक दिन कोई न कोई नयी खबर आ ही जाती है, लखनउ की एक छात्रा एक वीडियो शेयर कर रही थी जहां फटी हुई ओएमआर सीट पर एनटीए ने परिणाम घोषित कर दिया, इसको लेकर छात्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज किया है. एनटीए का कहना है कि उनके नंबर से गलत नंबर पर रिजल्ट जारी कर दिया था. नीट में 715 नंबर आने का दावा करने वाली आयुषी पटेल काफी चर्चा में है. इसको लेकर एक और नया विवाद सामने आया है. एनटीए ने आयुषी का रिजल्ट एक गलत एप्लीकेशन नंबर पर जारी कर दिया है. जिनमें इसका नंबर महज 355 नंबर थे. सवाल ये उठता है कि अगर आयुषी के सही एप्लीकेशन नंबर के अनुसार 715 नंबर मिले तो तो फिर कैसे उसका रिजल्ट गलत रजिस्ट्रेशन नंबर से जारी किया गया.
आयुषी पटेल का कहना है कि पहले एनटीए ने रिजल्ट रोका फिर इमेल करने के बाद एनटीए ने फटी हुई ओएमआर सीट उसे मेल कर दी. ये मुद्दा जब राष्ट्रीय स्तर पर फैला तो विपक्ष के तरफ से प्रियंका गांधी ने इस पर ट्वीट कर दी. मामले की छानबीन के बाद पता चला कि एनटीए के तरफ से नीट छात्रा का रिजल्ट गलत एप्लीकेशन नंबर पर जारी किया गया है. आयुषी का ऑरिजनल एप्लीकेशन नंबर 240411840741 था एनटीए ने इसकी ओएमआर सीट फटी होने के कारण रिजल्ट जारी करने से मना कर दिया था. लेकिन आय़ुषी ने जब खुद अपना एप्लीकेशन नंबर डाला तो उसका रिजल्ट सामने आ गया. आयुषी के 240411340741 इस एप्लीकेशन नंबर से 355 नंबर आए थे. आयुषी का हना है कि उसके आंसर सीट पर 715 नंबर थे. एनटीए पर मेल करने से बताया गया कि ओएमआर सीट फटी हुई है.
आय़ुषी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ओएमआर सीट फट कैसे सकती है, उसने तो अच्छे से ओएमआर सीट फील करी थी. आयुषी के मामा पेशे से पाई कोर्ट लखनउ के वकील हैं, मामले को लेकर आयुषी ने मामा से संपर्क किया तो उन्होने एनटीए को 4 जून को तीन लीगल और सात नोटिस इमेल पर भेज दिया. जिसमें आयुषा का ओएमआर सीट मेल करने को कहा गया. एनटीए ने जब आयुषी का ओएमआर सीट मेल किया तो उसका पूरा परिवार हैरान रह गया. मेल पर भेजी गई ओएमआर सीट सच में फटी हुई थी. जिसके जिम्मेवार आयुषी नहीं थी. उसका कहना था कि अगर सीट फटी भी है तो उसका रिजल्ट न रोका जाए. उसने हाइ कोर्ट में एक याचिका दायर की है कि जब तक ओएमार सीट को लेकर कोर्ट कोई निर्णय नहीं लेता तब तक नीट की जारी रिजल्ट पर आगे की प्रक्रिया रोक दी जानी चाहिए. एनटीए का कहना है कि उसने छात्रा को कोई इमेल इस तरह का नहीं भेजा है. एनटीए ने छात्रा के दावों को गलत बताया है. गलत रजिस्ट्रेशन नंबर से रिजल्ट जारी होने से मामला औऱ भी उलझ गया है.