रेणु कुमारी/न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: झारखंड एक ऐसा राज्य है जो प्राकृतिक सुंदरता और अपनी खनिज संपदा के लिए जाना जाता है. लेकिन बदलते वक्त के साथ ये तस्वीर भी बदलती दिखाई दे रही है. झारखंड अब सबसे ज्यादा सड़क हादसों के लिए भी जाना जानें लगा है. झारखंड का नाम देश के उन राज्यों में से एक है जहां आए दिन सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते है. ये कहना है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का है . NRCB के आंकड़ों की माने तो 2022 में झारखंड में 5,175 रोड एक्सीडेंट हुए, जिनमें करीब 3,898 लोगों की जान चली गई. अब इसे विकास की ओर बढ़ते कदम कहे या फिर विनाश की खाई की ओर जाते आपके पांव. विकास के नाम पर जगह जगह नई सड़के और फ्लाईओवर बनाए जा रहे है. तो वही दूसरी ओर इन्हीं सड़कों पर हर दिन जिंदगियां मौत को गले लगा रही है.
ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल
विकास के नाम पर सड़कों का जाल तो हर तरफ बिछाए जा रहे है, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है. आखिर राज्य में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का जिम्मेदार कोन है? सड़कों पर चलने वाले लोग या फिर यहां की ट्रैफिक व्यवस्था. ये एक बड़ा सवाल है. हर चौक चौराहों पर ट्रैफिक लाइट्स तो लगाए गए है, लेकिन इसका पालन करने वालो की संख्या कितनी है इसका अंदाजा ट्रैफिक विभाग से जारी किए जाने वाले चालान से लगाया जा सकता है, आए दिन signal jumping,Over speeding,Over loading,Drunk and drive जैसे नियमों को तोड़ना आम बात हो गई है, पर इन नियमों के टूटने से कई घटनाएं घटती है, जिसमें किसी न किसी बेकसूर की जिंदगी या तो दांव पर लगती है या फिर मौत के आगोश में चली जाती है.
क्या है रोड एक्सीडेंट के मुख्य कारण
झारखंड हो या फिर कोई अन्य राज्य सड़क हादसे का मुख्य कारण गाड़ियों की तेज रफ्तार को माना जाता है. खासकर दो पहिया वाहन इस रफ्तार के शिकार सबसे अधिक होते है. सभी वाहन के लिए गति निर्धारित की गई है लेकिन इसका पालन नहीं करने पर लोग हादसे का शिकार होते हैं. ज्यादा तर मौते सिर में चोट लगने की वजह से होती है. कई बार देखा गया है की स्कूली छात्र और नाबालिग बच्चे बेखौफ हो कर सड़कों पर न सिर्फ बाइक चलाते हैं बल्कि बाइक स्टंट भी करते नजर आ जाते हैं. लेकिन ट्रैफिक पुलिस न जाने किस नींद में सोई रहती है की उन्हें ये सब दिखाई नहीं देता. यही कारण है कि राज्य में होने वाले सड़क हादसों का कुछ बोझ तो यहां की ट्रैफिक व्यवस्था को भी उठाना पड़ेगा.
बात अगर पूरे देश की करें तो यहां एक साल में 250,000 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में होती है. लगभग हर साढ़े तीन मिनट एक व्यक्ति सड़क हादसे का शिकार होता है और हर घंटे में ऐसी 53 घटनाएं घटती है.
सड़क दुर्घटनाओं से कैसे बचे
किसी भी वाहन जैसे मोटर साइकल या फिर चार पहिया वाहन चलाने से पहले हेलमेट, सीट बेल्ट और अन्य सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करें. ट्रैफिक नियम जैसे ओवर स्पीडिंग,ओवर लोडिंग,ड्रिंक एंड ड्राइव,सिग्नल जंपिंग का उलंघन न करें. सभी ट्रैफिक नियमों का पालन करें. 'सावधानी हटी दुर्घटना घटी' का स्लोगन इसी कारण हर रास्ते पर लिखा जाता है ताकि आप सावधान और सुरक्षित रहें.