कूप निर्माण पूर्ण करने के लिए किसी ने गाय बेचा तो किसी ने बकरी बेचा आलम यह है कि किसी ने अपनी खेती करने वाले जमीन को गिरवी रखा
पंकज कुमार/न्यूज़11 भरत
गुमला/डेस्क: घाघरा प्रखंड नवडीहा पंचायत के गम्हरिया निवासी मनरेगा कूप निर्माण योजना के लाभुक पुनई उरांव एवं अविनाश उरांव राशि के भुगतान न होने के कारण गाय, बैल एवं बकरी बेच यहां तक कि खेत गिरवी रख कुवां निर्माण को विवश है. पुनई उरांव का कूप निर्माण योजना की स्वीकृति 01 जुलाई 2023 को ही हुवा है. योजना स्वीकृत हुवे एक वर्ष बीत गए लेकिन अभी तक उसे महज 38,046 रुपये मजदूरी के लिए जबकि योजना से संबंधित बोर्ड के लिए 2997 रुपये मात्र मुहैया कराया गया है, जबकि योजना की प्राक्कलित राशि 3,95988 रुपये है. करीब 4 लाख के कुवां में 38 हजार मात्र एक वर्ष में भुगतान किया गया है. कुवां निर्माण कार्य पुनई ने तो कर लिया लेकिन इसके लिए उसे 70 हजार में चार बैल एवं 12 हजार में एक खस्सी बेचना पड़ा. कूप निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद भी उसे पैसे के भुगतान के लिए दफ्तर का चक्कर लगाना पड़ रहा है. पुनई इस आस में बैल बेचा था कि कुवां निर्माण के बाद मिलने वाली राशि से फिर बैल खरीद लेगा. लेकिन अब खेती का समय आ गया और उसे इसकी चिंता सताए जा रही है कि आखिर खेती बाड़ी कार्य कैसे होगा.
सर कुआं बनाने के लिए मैंने अपनी जमीन गिरवी रखा बैल बेचा बकरी बेचा लाभुक अविनाश उरांव-
घाघरा प्रखंड के नौडीहा पंचायत के गम्हरिया गांव के अविनाश उरांव को भी कूप निर्माण योजना की स्वीकृति 01 फरवरी 2024 को मिली लेकिन उसे भी मजदूरी के लिए 37,791 रुपये और बोर्ड के लिए 2997 रुपये का भुगतान हो पाया है. अविनाश ने बताया कि उसने कूप निर्माण कार्य पूरा कर लिया है और इसके लिए उसे दो गाय बीस हजार में, 5 बकरी 30 हजार में और एक एकड़ से अधिक खेत 60 हजार में गिरवी रखा .ताकि समय से कुवां निर्माण पूरा हो सके और बरसात में कुवां धारासाई हो जमींदोज न हो जाय. बता दें कि कूप निर्माण में मेटीरियल यानी पत्थर आदि के लिए भी राशि का भुगतान होता है लेकिन उन्हें इस मद में राशि का भुगतान ही नही किया गया.