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रांची/डेस्क: इस साल का पहला चंद्रग्रहण मार्च महीने के 14 तारीख को होने वाला है. भारतीय समय के अनुसार शुक्रवार 14 मार्च को चंद्रग्रहण सुबह 9:27 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक रहेगा. इसका मतलब इस चंद्रग्रहण की अवधि 6 घंटे 3 मिनट होगी. इस साल का पहला चंद्रग्रहण खग्रास चंद्र ग्रहण होगा. ऐसे में 14 मार्च के चंद्रग्रहण को काफी खास माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्यूंकि इसी दिन होली का त्यौहार भी मनाया जा रहा है.
भारत में नहीं रहेगा कोई प्रभाव
यह चंद्रग्रहण उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत व अंटलाटिक महासागर, आंशिक ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव, यूरोप, अफ्रीका सहित एशिया के कुछ हिस्सों दिखाई देगी. ऐसे में यह ग्रहण भारत में नहीं देखने को मिलेगा. इस कारण से भरात का सूतक काल मान्य नहीं होगा. ऐसे में आप पूजा-पाठ कर सकते है. इस चंद्रग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं रहेगा इस कारण से पूजा-पाठ में किसी भी तरह की पाबंदियां नहीं रहेंगी.
क्या होता है सूतक काल
आपको बता दें कि चंद्रग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले से सूतक काल लग जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक़, कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य सूतक काल के दौरान नहीं किया जाता है. ऐसे में भारत में चंद्रग्रहण नहीं दिखाई दे रहा है. इस कारण से यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा.
किस राशि के लिए चंद्रग्रहण होता है शुभ और किसके लिए अशुभ
जानकारी के मुताबिक, हर महीने सूर्य राशी परिवर्तन करता है. इस बार सूर्य का यह परिवर्तन 14 मार्च को होगा. ऐसे में इस दिन चंद्रग्रहण भी लगेगा. इस बार गुरु की राशि मीन में सूर्य प्रवेश कर रहा है. वहीं शनि भी मार्च में इसी राशी में आएंगे. इस चंद्रग्रहण के दुरान कन्या राशि में चांद रहेगा. ऐसे में दो महत्वपूर्ण ग्रहों से जुड़ी घटनाएं एक साथ 14 मार्च को हो रही हैं.
यह चंद्रग्रहण वृश्चिक, कर्क, मिथुन, और वृषभ राशि वालों के लिए शुभ प्रभाव लेकर आएगा. इसके अलावा सिंह, तुला और मकर राशि के लिए यह चंद्रग्रहण अशुभ माना जा रहा है.
भूलकर के भी चंद्रग्रहण में ना करें ये गलतियां
चंद्रग्रहण के दौरान भूलकर भी भोजन ना करें, बाल या नाखून ना काटें, गर्भवती महिलाओं को सोने नहीं चाहिए, खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालने चाहिए. तुलसी के पत्ते के सूतक काल के पहले ही तोड़ लें. ऐसी मान्यता है कि सूतक काल के दौरान तुलसी के पत्ते तोड़ने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है.