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सिसई/डेस्क: लोक आस्था, सूर्य उपासना और कठोर तपस्या का महापर्व चैती छठ आज अहले सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ श्रद्धा और भक्ति के माहौल में संपन्न हुआ. प्रखण्ड सिसई अंतर्गत,कुदरा तालाब,पारस नदी,नागफेनी कोयल नदी सहित गांव के तालाबों में छठ पूजा हर्सोल्लास के साथ मनाया गया. छठ भक्ति गाने के साथ श्रद्धालुओं द्वारा,भक्ति भजन कार्य किया गया. काफी अच्छी मनोरम दृश्य लग रही थी. चार दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व के समापन पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ छठ घाटों पर उमड़ी, जहां भक्तिमय वातावरण में भगवान भास्कर की उपासना की गई.
प्रखंड मुख्यालय सहित आसपास के सभी छठ घाटों पर व्रतियों ने पूरे विधि-विधान और पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। छठ गीतों की गूंज, गंगा जल से भरे कलश, प्रसाद की सुगंध और श्रद्धालुओं की उमंग ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया. जल में खड़े होकर व्रतियों ने भगवान सूर्य को नमन किया और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की.
प्रखण्ड सिसई के कुदरा तालाब में नौ महिलाएं द्वारा,छठ पूजा अर्चना किए. गर्मी के दिनों में यह छठ पूजा करना कोई आसान कार्य नहीं है. ये लोग द्वारा, 72 घंटे की उपवास रखा गया है. संध्या एवं सुबह अर्घ्य प्रदान करने एवं मंदिर में पूजा अर्चना कर पारण करते हैं. काफी कठिन व्रत है. ईश्वर की कृपा दृष्टि से सभी छठ व्रतियों का छठ पूजा कुशल मंगल सम्पन्न हो गया।कुछ लोग मनोकामना हेतु व्रत किए एवं कुछ लोग मनोकामना पूर्ण होने के उपलक्ष्य में छठ व्रत हर्सोल्लास के साथ किए.
छठ व्रतियों ने अर्घ्य अर्पित करने के पश्चात,पारंपरिक प्रसाद ग्रहण कर पारण किया, जिससे इस महापर्व का विधिवत समापन हुआ. छठ पर्व के प्रति जनमानस की अटूट श्रद्धा और विश्वास ने इसे एक सांस्कृतिक उत्सव का रूप दे दिया है,जो हर साल और भव्यता के साथ मनाया जाता है.